विशिष्ट ऊष्मा किसे कहते हैं | विशिष्ट ऊष्मा धारिता क्या है
विशिष्ट ऊष्मा किसे कहते हैं | विशिष्ट ऊष्मा धारिता क्या है :- विशिष्ट ऊष्मा अथवा विशिष्ट ऊष्मा धारिता पदार्थों का एक उष्मागतिक गुण (thermodynamic property) है जो नियत दाब पर किसी पदार्थ के इकाई द्रव्यमान (सामान्यतः ग्राम में) का तापमान एक डिग्री सेल्सियस (अथवा एक केल्विन) तक बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा ऊर्जा की मात्रा के तुल्य होता है। इसे प्रतीक “c” अथवा “s” द्वारा दर्शाया जाता है और इसके मात्रक जूल प्रति ग्राम प्रति डिग्री सेल्सियस (J/g°C) अथवा जूल प्रति ग्राम प्रति केल्विन (J/gK) है।
किसी पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा उसकी तापीय ऊर्जा को संग्रहीत करने और उस उर्जा को पुनः मुक्त करने की क्षमता का मापक है। विभिन्न पदार्थों की विशिष्ट ऊष्मा का मान भिन्न – भिन्न होता है, जो उनकी आणविक संरचना और संघटन पर निर्भर करते हैं। उच्च विशिष्ट ऊष्मा वाले पदार्थों को निम्न विशिष्ट ऊष्मा वाले पदार्थों की तुलना में अपना तापमान बढ़ाने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
विशिष्ट ऊष्मा का सूत्र
मान लीजिए किसी पदार्थ के m द्रव्यमान को Q मात्रा में ऊष्मा प्रदान की जाती है, जिसके कारण उसका तापमान ΔT बढ़ जाता है, तब
एकांक द्रव्यमान के लिए आवश्यक ऊष्मा ऊर्जा = Q/m
⇒ एकांक द्रव्यमान के तापमान में एकांक परिवर्तन लिए आवश्यक ऊष्मा ऊर्जा = Q/(mΔT)
अत: विशिष्ट ऊष्मा का सूत्र,
अथवा
जहाँ :
- Q स्थानांतरित ऊष्मा ऊर्जा की मात्रा है (जूल में)
- पदार्थ का द्रव्यमान है (ग्राम में)
- c पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा है (J/g°C अथवा J/gK में)
- ΔT तापमान में परिवर्तन है (डिग्री सेल्सियस या केल्विन में)
ऊष्मागतिकी, रसायन विज्ञान और अभियांत्रिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में, विशिष्ट ऊष्मा एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, क्योंकि यह समझने और अनुमान लगाने में सहायक होती है कि पदार्थ तापमान में परिवर्तन पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं और तापन (heating) व शीतलन (cooling) जैसी विशिष्ट प्रक्रियाओं के लिए कितनी ऊष्मा ऊर्जा की आवश्यकता होती है।