लेंस मेकर्स सूत्र
Lens Maker Formula in Hindi
लेंस मेकर्स सूत्र (Lens maker formula in hindi) :- लेंस मेकर्स सूत्र, एक लेंस की फोकल लंबाई, लेंस के पदार्थ के अपवर्तनांक और इसकी दो सतहों की वक्रता त्रिज्या के बीच का संबंध है। इसका उपयोग लेंस निर्माताओं द्वारा किसी दिए गए अपवर्तनांक के कांच से विशेष शक्ति के लेंस बनाने के लिए किया जाता है।
मान लीजिए कि nL अपवर्तनांक के कांच से बना एक सामोत्तल लेंस nM अपवर्तनांक के विरल माध्यम में रखा गया है। नीचे दिया गया चित्र लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब निर्माण की ज्यामिति को दर्शाता है।
प्रतिबिम्ब निर्माण को दो चरणों के संदर्भ में देखा जा सकता है : –
(i) प्रथम अपवर्तक प्रष्ठ XP1Y द्वारा बिम्ब O का प्रतिबिम्ब I1 बनाना
यदि लेंस का पदार्थ, अपवर्तन सतह XP1Y के पश्चात निरंतर हो और लेंस की कोई सीमा/द्वितीय सतह XP2Y नहीं हो, तो अपवर्तन केवल सतह XP1Y पर होगा और अपवर्तित किरण सीधे बिंदु I1 पर मुख्य अक्ष के अनुदिश जाने वाली किरण से मिलती है। इसलिए I1, XP1Y पर अपवर्तन के पश्चात बिम्ब O का बनने वाला वास्तविक प्रतिबिंब है, जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है: –
अब गोलीय प्रष्ठ पर अपवर्तन के सूत्र का उपयोग करते हुए,
यहाँ nmaterial of refracted ray = nL और nmaterial of incident ray = nM
बिम्ब के दूरी, P1O = u और प्रतिबिम्ब की दूरी, P1I1 = v1
अतः हमें प्राप्त होता है …..(1)
(ii) द्वितीय अपवर्तक प्रष्ठ XP2Y द्वारा आभासी बिम्ब I1 का वास्तविक प्रतिबिम्ब I बनाना
वास्तव में लेंस का पदार्थ निरंतर नहीं है। इसलिए अपवर्तित किरण का पुनः लेंस की सतह XP2Y पर अपवर्तन होता है और वास्तव में बिंदु I पर अंतिम प्रतिबिम्ब बनता है। इसलिए I, उत्तल लेंस से अपवर्तन के पश्चात बिम्ब O का बनने वाला अंतिम वास्तविक प्रतिबिम्ब है, जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है : –
दूसरी सतह XP2Y पर अपवर्तन के लिए हम I1 को एक आभासी बिम्ब के रूप में मान सकते हैं, जिसका वास्तविक प्रतिबिंब I पर बनता है।
पुनः निम्न समीकरण का प्रयोग करने पर
अब nmaterial of refracted ray = nM और nmaterial of incident ray = nL
बिम्ब की दूर P2I1 ≅ P1I1 = v1 और प्रतिबिम्ब की दूरी P2I = v
अतः हमें प्राप्त होता है …..(2)
समीकरण (1) और (2) को जोड़ने पर
अब nL/nM = n = लेंस के पदार्थ का आसपास के माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक, रखने पर
अतः …..(3)
जब लेंस के बायीं ओर की वस्तु अनंत पर होती है, तो प्रतिबिंब लेंस के मुख्य फोकस पर बनता है।
∴ जब u = ∞, v = f = लेंस की फोकस दूरी
समीकरण (3) से
अथवा
यह लेंस मेकर्स सूत्र है। (lens maker formula in hindi)
नोट :-
(1). उत्तल लेंस के लिए R1 धनात्मक है और R2 ऋणात्मक है।
अतः,
⇒ उत्तल लेंस की फोकस दूरी धनात्मक होती है।
(2). अवतल लेंस के लिए R1 ऋणात्मक है और R2 धनात्मक है।
⇒ अवतल लेंस की फोकस दूरी ऋणात्मक होती है।
(3). किसी द्रव में डूबा हुआ लेंस
मान लीजिए कि वायु में लेंस की फोकल लंबाई fa है और द्रव में fl है, तो
अब
यहाँ
(A) यदि एक लेंस को एक द्रव में डुबोया जाता है जिसका अपवर्तनांक लेंस के पदार्थ के अपवर्तनांक से कम होता है, तो
&
तब fl > fa
⇒ फोकस दूरी बढ़ जाती है लेकिन इसकी प्रकृति नहीं बदलती है।
(B) यदि एक लेंस को द्रव में डुबोया जाता है जिसका अपवर्तनांक लेंस के पदार्थ के अपवर्तनांक के बराबर होता है, तो
⇒ fl = ∞ और Pl = 0
इसका मतलब है कि लेंस की फोकल लंबाई अनंत हो जाएगी और यह एक सपाट पारदर्शी प्लेट की तरह काम करेगा।
(C) यदि एक लेंस को द्रव में डुबोया जाता है जिसका अपवर्तनांक लेंस के पदार्थ के अपवर्तनांक से अधिक होता है, तो
तो fl का मान ऋणात्मक होगा
इसका मतलब है कि वायु में उत्तल लेंस, तरल में अवतल लेंस की तरह व्यवहार करेगा। लेंस की प्रकृति बदल जाएगी। इसलिए जल में वायु का बुलबुला (उत्तल) अवतल लेंस की तरह व्यवहार करता है।
(D) यदि एक लेंस (अपवर्तनांक, n =1.5) की फोकस दूरी वायु में f है तो जल में डुबाने पर इसकी फोकस दूरी 4f हो जाएगी (जल का अपवर्तनांक 4/3 है)।
(E) समीकरण , से
⇒ लेंस की फोकस दूरी लाल रंग के लिए सबसे अधिक और बैंगनी रंग के लिए सबसे कम होती है।
उपरोक्त लेख का विडियो व्याख्यान :-
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