विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
Intensity of Electric Field In Hindi
पिछले लेख The Electric Field Concept में हमने एक आवेशित कण के आसपास के क्षेत्र के बारे में अध्ययन किया, जिसे “विद्युत क्षेत्र” कहा जाता है। यह एक आवेश (या आवेश वितरण) के आसपास का क्षेत्र है जिसमें इसके विद्युत प्रभाव बोधगम्य होते हैं। इस लेख “विद्युत क्षेत्र की तीव्रता(Intensity of Electric Field In Hindi)” में हम आवेशों के बीच इस “बिना संपर्क के बल” की प्रबलता का अध्ययन करेंगे जो हमें ये बताती है कि “किसी दिए गए आवेशित कण के आसपास का क्षेत्र कितना प्रबल है”।
विद्युत क्षेत्र की शक्ति को परिभाषित/कल्पित करने के तीन तरीके हैं: –
- विद्युत क्षेत्र की तीव्रता [Electric Field Intensity] (स्थिति का एक सदिश फलन )
- विद्युत विभव [Electric Potential] (स्थिति का एक अदिश फलन “V”)
- विद्युत क्षेत्र रेखाएं [Electric Field Lines] (विद्युत क्षेत्र का एक चित्रमय प्रदर्शन)
हमारा यह लेख पहली विधि “विद्युत क्षेत्र की तीव्रता” के बारे में है, तो आइए पहले इसका अध्ययन करें।
परीक्षण आवेश (Test Charge)
Intensity of Electric Field In Hindi
मान लीजिए कि हमारे पास एक आवेश Q है। तो यह आवेश स्पष्ट रूप से अपने चारों ओर के क्षेत्र को संशोधित करेगा और विद्युत क्षेत्र नामक एक क्षेत्र बनाएगा। यदि कोई अन्य आवेशित कण (धनात्मक या ऋणात्मक) इस क्षेत्र में लाया जाता है तो वह आवेशित कण एक बल का अनुभव करेगा।
जब भी हम कोई डिश या कॉफी/चाय बनाते हैं, और उसका स्वाद कैसा होता है, इसे जांचने के लिए हम उसकी पूरी नहीं बल्कि थोड़ी-सी मात्रा ही ग्रहण करते हैं।
इसी प्रकार यदि हम किसी आवेशित कण के चारों ओर के “विद्युत क्षेत्र” की शक्ति की जाँच करना चाहते हैं, तो हमें उस क्षेत्र में एक और आवेशित कण लाना होगा, लेकिन वह आवेशित कण (जिसे “परिक्षण आवेश [test charge]” कहा जाता है) बहुत कम परिमाण का होना चाहिए। कम परिमाण का परीक्षण आवेश लेकर हम वास्तव में यह कोशिश कर रहे हैं कि मुख्य आवेश Q, जिसके क्षेत्र का परीक्षण किया जा रहा है, वह प्रभावित ना हो। यदि हम मुख्य आवेश Q से अधिक परिमाण का परीक्षण आवेश लें, तो यह एक अच्छा तरीका नहीं होगा। हम उस कम परिमाण के “परीक्षण आवेश” को q0 से निरूपित करेंगे।
अतः हम कह सकते हैं कि परीक्षण आवेश q0 एक काल्पनिक आवेश है जो परिमाण में इतना छोटा है कि यह आस-पास के आवेशों पर कोई बल नहीं लगाता बल्कि उन सभी के कारण बलों का अनुभव करता है।
एक बिंदु आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
Intensity of Electric Field In Hindi for a point charge
मान लीजिए कि आवेश Q के विद्युत क्षेत्र में एक परीक्षण आवेश q0 प्रवेश करता है। माना Q और q0 के केंद्रों के बीच की दूरी r है। अब कूलाम के नियम का उपयोग करते हुए Q और q0 के बीच स्थिरवैद्युत बल : –
यहाँ , बल की दिशा में एक एकांक सदिश है।
अब आवेश Q के विद्युत क्षेत्र में किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता , परिमाण व दिशा में, उस बिंदु पर रखे गए एक “इकाई धन परिक्षण आवेश द्वारा अनुभव बल” द्वारा परिभाषित की गई है।
परिभाषा से
.
क्यूंकि एक सदिश राशी है, इसलिए , भी एक सदिश राशी होगी।
यदि आवेश Q धनात्मक है, तब की दिशा Q से परे होगी और यदि Q ऋणात्मक है, तब की दिशा Q की ओर होगी।
विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का SI मात्रक न्यूटन/कूलाम (NC-1) या वोल्ट/मीटर (Vm-1) है।
विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का विमीय सूत्र :- [E]=[ MLT-3A-1 ]
कुछ परिस्थितियों में हमें किसी अन्य आवेश के विद्युत क्षेत्र में रखे आवेश पर लगने वाला बल ज्ञात करना होता है। उस स्थिति में हम समीकरण को थोड़ा पलट कर प्रयोग करते हैं और दिए गए विद्युत क्षेत्र द्वारा लगाए गए बल का पता लगाते हैं। अर्थात्, आवेश q का एक आवेशित कण अंतरिक्ष में उस बिंदु पर जहां विद्युत क्षेत्र की तीव्रता , निम्न विद्युत बल अनुभव करता है :-
यदि q धनात्मक है, तो कण पर लगने वाला बल की दिशा में है और यदि q ऋणात्मक है तो उस पर बल की विपरीत दिशा में होगा।
नोट :- विद्युत क्षेत्र की तीव्रता को “विद्युत क्षेत्र” भी कह दिया जाता है। अतः “विद्युत क्षेत्र” शब्द का प्रयोग दोनों अर्थों में किया जाता है, अर्थात एक आवेशित कण के चारों ओर के क्षेत्र को प्रदर्शित करने के लिए और साथ ही इसके द्वारा उत्पन्न क्षेत्र की तीव्रता को प्रदर्शित करने के लिए भी।