ऊष्मा चालकता गुणांक | ऊष्मा चालकता गुणांक का सूत्र
ऊष्मा चालकता गुणांक | ऊष्मा चालकता गुणांक का सूत्र :- पिछले लेख ऊष्मा चालन में फूरियर का नियम में हमने देखा के किसी धात्विक छड से ऊष्मा प्रवाह की दर निम्न सूत्र से दी जाती है :-
…..(1)
उपरोक्त सूत्र में k एक समानुपातिक नियतांक है, जिसे ऊष्मा चालकता गुणांक कहा जाता है।
ऊष्मा चालकता गुणांक का सूत्र
उपरोक्त समीकरण (1) से,
…..(2)
ऊष्मा चालकता गुणांक की परिभाषा
समीकरण (2) में यदि, l = 1 m, A = 1 m2 व (θ1 – θ2) = 1 K हो, तब
अतः किसी पदार्थ के ऊष्मा चालकता गुणांक को उस पदार्थ की इकाई लम्बाई व इकाई अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल की छड से प्रति सेकंड पारित ऊष्मा की मात्रा के रूप में परिभाषित किया जाता है जब इसके सिरों के मध्य तापान्तर 1K (या 1 °C) हो।
ऊष्मा चालकता गुणांक का मात्रक
- S.I. मात्रक – W/m– K or J/m–sec–K
- C.G.S. मात्रक – cal./cm–sec oC
ऊष्मा चालकता गुणांक (k) के बारे में अन्य जानकारी :-
- यह पदार्थ से ऊष्मा चालन की क्षमता का मापन करता है।
- k का परिमाण छड़ के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।
- वे पदार्थ जिससे ऊष्मा आसानी व शीघ्रता से प्रवाहित होती है, ऊष्मा के सुचालक कहलाते हैं। इनकी ऊष्मा चालकता अधिक होती हैं क्योंकि इनमें मुक्त इलेक्ट्राॅन अधिक संख्या में होते हैं। उदाहरण चाँदी, पीतल इत्यादि। अच्छे चालकों के लिए k = ∞.
- विमाएं : [MLT-3θ-1]
- वे पदार्थ जिनसे ऊष्मा प्रवाह आसानी से नहीं होता ऊष्मा के कुचालक कहलाते हैं। इनकी ऊष्मा चालकता कम होती है क्योंकि इनमें मुक्त इलेक्ट्राॅन अल्प मात्रा में होतेे हैं। उदाहरण: काँच, लकड़ी। अच्छे कुचालकों के लिए k = 0.
- ताप बढ़ाने पर शुद्ध धातुओं की ऊष्मा चालकता घटती है जबकि मिश्र धातुओं का ताप बढ़ाने पर ऊष्मा चालकता बढ़ती है ।
- मानव शरीर ऊष्मा का दुर्बल चालक परन्तु विद्युत का सुचालक है।
- चालकता का घटता क्रम :
- kAg > kCu > kAl
- kSolid > kLiquid > kGas
- kMetals > kNon-Metals