प्रतिरोधकता | प्रतिरोधकता किसे कहते हैं
प्रतिरोधकता :- पिछले लेख “प्रतिरोध” में हमने देखा के किसी चालक का प्रतिरोध निम्न सूत्र से दिया जाता है :
…..(1)
यहाँ ρ को हमने एक समानुपातिक नियतांक कहा था।
भौतिकी में जितने भी समानुपातिक नियतांक होते हैं, उन्हें परिभाषित करने की एक ही विधि प्रयोग में ली जाती है। इस विधि में हम समानुपातिक नियतांक के गुणा या भाग में जो भी राशियाँ हैं, उन्हें इकाई मान लेते हैं ।
अतः समीकरण (1) में,
व
लेने पर,
अतः विशिष्ट प्रतिरोध को हम एक ऐसे चालक के प्रतिरोध के रूम में परिभाषित कर सकते हैं, जिसकी इकाई लम्बाई व इकाई अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल हो।
प्रतिरोधकता
परिभाषा : किसी पदार्थ की प्रतिरोधकता (विशिष्ट प्रतिरोध) उस पदार्थ के एकांक लम्बाई और एकांक अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल के तार के प्रतिरोध के बराबर होती है।
प्रतिरोधकता की निर्भरता
- पदार्थ की प्रकृति पर व
- पदार्थ के ताप पर
ρ पदार्थ के आकार और आकृति पर निर्भर नहीं करती क्योंकि यह किसी चालक पदार्थ का अभिलाक्षणिक गुण है।
कुछ चालक पदार्थों का उनकी प्रतिरोधकता के आधार पर विशिष्ट उपयोग
- धारा-नियंत्रक(rheostat) और प्रतिरोध बॉक्स(resistance box) के प्रतिरोध तार कॉन्स्टेंटन(constantan) (तांबा/निकल की मिश्र धातु) या मैंगनीन(manganin) (तांबे, मैंगनीज और निकल की मिश्र धातु) से बने होते हैं क्योंकि इनकी प्रतिरोधकता मध्यम होती है (कॉन्स्टेंटन – 49 × 10-8 Ωm और मैंगनीन – 48.2 × 10-8 Ωm) और प्रतिरोध ताप गुणांक बहुत कम होता है। इनकी प्रतिरोधकता तापमान से लगभग स्वतंत्र होती है।
- बिजली के तापीय उपकरण जैसे हीटर, इमर्शन हीटर, गीजर, इलेक्ट्रिक इस्त्री आदि के तापन अवयव(heating element), निक्रोम (निकल/क्रोमियम की मिश्र धातु, 80% निकल और 20% क्रोमियम) तार से बने होते हैं। इसका कारण यह है कि इसकी उच्च प्रतिरोधकता(100 × 10-8 Ωm) होती है और यह उच्च तापमान पर आसानी से ऑक्सीकृत होकर जलती नहीं है, अर्थात इसका गलनांक और क्वथनांक धातुओं की तुलना में उच्च होता है।
- बल्ब का फिलामेंट, टंगस्टन(tungsten) (लौहे, तांबे, निकल, कोबाल्ट और/या मोलिब्डेनम के विभिन्न संयोजनों की मिश्र धातु) से बना होता है क्योंकि इसकी उच्च प्रतिरोधकता (5.6× 10-8 Ωm) व बहुत उच्च गलनांक (3300 K) होता है और यह 2400 K ताप पर प्रकाश देता है। टंगस्टन उच्च तापमान पर वायु के साथ प्रतिक्रिया करके ऑक्साइड बनाता है इसलिए बल्ब को एक अक्रिय गैस से भरा जाता है।
- फ्यूज तार, टिन लेड मिश्र धातु से बनी होता है क्योंकि इसका गलनांक और विशिष्ट प्रतिरोध कम होता है। फ्यूज तार का उपयोग विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम में किया जाता है और जब विद्युत धारा का मान एक निश्चित अधिकतम मान से अधिक हो जाता है, तो यह विद्युत परिपथ को खोलने के लिए पिघल जाती है।
- संयोजक तार तांबे के बने होते हैं क्योंकि इसका विशिष्ट प्रतिरोध कम होती है।
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