अपवाह वेग से आप क्या समझते हैं ? | Drift Velocity in Hindi
अपवाह वेग से आप क्या समझते हैं ? | Drift Velocity in Hindi :-
आरोपित विभवांतर की अनुपस्थिति में, इलेक्ट्रॉनों की यादृच्छिक गति होती है और उनका केवल तापीय वेग होता है। किन्तु जब एक बैटरी को चालक के सिरों के मध्य जोड़ा जाता है, तो तापीय वेग के अतिरिक्त, वे आरोपित विद्युत क्षेत्र के कारण त्वरण प्राप्त करते हैं। अब इलेक्ट्रॉन विद्युत क्षेत्र की विपरीत दिशा में वेग का एक घटक प्राप्त करते हैं। अतः
“अपवाह वेग को उस औसत वेग के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसके साथ मुक्त इलेक्ट्रॉन आरोपित बाह्य विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में बैटरी के धनात्मक सिरे की ओर बढ़ते हैं।”
आरोपित विद्युत क्षेत्र के कारण वेग में वृद्धि बहुत कम होता है और अगली टक्कर के पश्चात यह वेग लगभग शून्य हो जाता है। इसलिए बैटरी को विद्युत धारा के निरंतर प्रवाह के लिए इलेक्ट्रॉनों को लगातार ऊर्जा (गतिज ऊर्जा) की आपूर्ति करनी पड़ती है।
अपवाह वेग के लिए व्यंजक
मान लीजिए कि किसी चालक के दोनों सिरों को एक बैटरी से जोड़ा गया है। तब एक सिरा उच्च विभव पर होगा और दूसरा निम्न विभव पर। इससे चालक के अंदर उच्च से निम्न विभव की और एक विद्युत क्षेत्र E उत्पन्न होगा।
प्रत्येक इलेक्ट्रॉन द्वारा अनुभव किया गया बल,
इलेक्ट्रॉन की त्वरण,
किसी भी समय, इलेक्ट्रॉन का वेग,
जहां u1 तापीय वेग है, τ1 विश्रांति काल है (पिछली टक्कर के पश्चात बीता हुआ समय) और aτ1 आरोपित विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में इलेक्ट्रॉन द्वारा प्राप्त वेग है।
इसी प्रकार, अन्य इलेक्ट्रॉनों के वेग हैं : –
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चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉनों का औसत वेग :-
किन्तु इलेक्ट्रोनों का औसत तापीय वेग,
जहां τ इलेक्ट्रॉनों का औसत विश्रांति काल है।
अंत में इलेक्ट्रॉनों का अपवाह वेग :-
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