दो द्रढ़ आधारों के बीच रखी छड़ में तापीय प्रतिबल
इस लेख मे हम एक छड, जिसे दो द्रढ़ आधारों के मध्य रखा गया है, की सहायता से तापीय प्रतिबल को समझेंगे।
माना L0 लंबाई और यंग गुणांक Y की एक छड़, दो द्रढ़ आधारों के बीच रखी है। माना इसे कुछ समय तक गर्म किया जाता है, जिससे इसका तापमान ΔT बढ़ जाता है।
अब छड़ लम्बाई में वृद्धि का प्रयास करती है(तापीय प्रसार के कारण) पर क्यूंकि छड़ दोनों द्रढ़ आधारों के मध्य स्थित है अतः छड़ में एक प्रतिबल उत्पन्न हो जाता है।
इसी प्रतिबल को तापीय प्रतिबल (Thermal Stress) कहते हैं।
अब प्रतिबल = F/A
साथ ही यंग प्रत्यास्थता गुणांक :-
Y = तापीय प्रतिबल/तापीय विकृति
अतः
तापीय प्रतिबल(F/A) = YαΔT
और वह बल जो इस प्रतिबल के लिए उत्तरदाई है :-
बल (F) = YAαΔT
उदाहरण 1 :- 50cm लम्बी एक स्टील की छड़ का अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल 0.8 cm2 है। इसे कितने न्यूटन बल से खींचा जाए ताकि इसमें उतना ही प्रसार हो जितना इसे 10ºC तक गर्म करने से होता है ? स्टील के लिए दिया गया है
α = 10-5 K-1 , Y = 2×1011 Nm-2.
हल :- तापीय प्रतिबल(F/A) = YαΔT
⇒ F = YAαΔT
⇒ F = (2×1011)×(0.8×10-4)×(10-5)×(10)
⇒ F = 1.6×103 N
उदाहरण 2 :- दिये गए चित्र में छड़ का एक सिरा मुक्त है तथा दूसरा सिरा जड़वत है। हम छड़ का तापमान Δθ से बढ़ाते हैं, तो छड़ में विकृति होगी :-
(A) αΔθ (B) αΔθ/2 (C) शून्य (D) सूचना अपर्याप्त
हल :- यहां छड एक ओर से प्रसारित होने के लिए स्वतंत्र है। अतः तापमान में परिवर्तन से छड़ में कोई विकृति उत्पन्न नहीं होगी। अत: विकल्प (C) सही है।
उदाहरण 3 :- एक स्टील की छड़ दो सिरों के बीच बंधी है तथा चिकने क्षैतिज तल पर रखी है। छड़ 20°C पर अपनी वास्तविक लम्बाई में है। यदि छड़ का तापमान 50°C से बढ़ाते है तो इसमें उत्पन्न अनुदैर्घ्य विकृति ज्ञात करो। स्टील का रेखीय प्रसार गुणांक = 1.2 × 10–5/°C है।
हल :- हम जानते हैं कि विकृति निम्न सूत्र से दी जाती है :-
∴ विकृति(Strain) = αΔT
विकृति = 1.2 × 10–5 × (50 – 20) = 3.6 × 10–4
यहाँ विकृति सम्पीड़न विकृति है।
उदाहरण 4 :- एक 1 मी. लम्बाई की छड़ चिकनी क्षैतिज सतह पर रखी है। यदि इसको 0°C से 100°C तक गर्म किया जाता है तो इसमें उत्पन्न अनुदैध्र्य विकृति कितनी होगी?
हल :- अनुदैर्ध्य विकृति केवल और केवल तभी विकसित होती है यदि प्रसार का विरोध किया जाए चूँकि इस परिस्थिति में विस्तार का कोई विरोध नहीं है, इसलिए यहाँ अनुदैर्ध्य विकृति = शून्य।
नोट :- बाह्य बल की अनुपस्थिति में कोई विकृति या प्रतिबल उत्पन्न नहीं होता है।
उदाहरण 5 :- एक स्टील का तार जिसका काट क्षेत्रफल 0.5 mm2 है, को दो जड़वत सिरों के मध्य बाँधते है। यदि तार 20°C पर कसा हुआ रहता है, तो तापमान 0°C तक गिर जाने पर तनाव ज्ञात करो। स्टील का रेखीय प्रसार गुणांक 1.2 × 10–5/°C और इसका यंग गुणांक 2.0 × 1011 N/m2 दिया है।
हल :- तापमान में गिरावट के साथ छड़ में एक तनन बल विकसित होता है, जो निम्न प्रकार दिया जाता है: –
बल (F) = YAαΔT
∴ F = 0.5 × 10–6 × 2 × 1011 × 1.2 × 10–5 × 20 = 24 N
उदाहरण 6 :- एक लोहे की 15.00 सेमी. व्यास वाली वलय को एक घिरनी पर चढ़ाना है जिसका व्यास 15.05 सेमी. है। सभी माप कमरे के तापमान 20°C पर किये जाते है। वलय को न्यूनतम किस तापमान तक गर्म करना चाहिये ताकि यह सम्भव हो सकें। वलय में उत्पन्न विकृति ज्ञात करो जब यह कमरे के तापमान पर आ जाये। लोहे का रेखीय प्रसार गुणांक = 12 × 10–6/°C.
हल :- वलय का व्यास 15.00 सेमी से बढ़ाकर 15.05 सेमी करने के लिए वलय को गर्म किया जाना चाहिए।
l2 = l1 (1 + αΔT) का प्रयोग करने पर
अतः न्यूनतम तापमान जिस तक वलय को गर्म किया जाए = 20°C + 278°C = 298°C.
वलय में विकसित विकृति = (l2 – l1)/l1 = 3.33 × 10–3
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