स्थिरवैद्युत अनुरूप
स्थिरवैद्युत अनुरूप :- स्थिर वैद्युतिकी में हम एक विद्युत द्विध्रुव के कारण बहुत दूरी पर स्थित किसी बिंदु पर निम्न परिणामों को देखते हैं :-
विद्युत द्विध्रुव के अक्ष पर विद्युत क्षेत्र, …..(1)
विद्युत द्विध्रुव के निरक्ष(विषुवतीय रेखा) पर विद्युत क्षेत्र, …..(2)
विद्युत द्विध्रुव पर बाह्य विद्युत क्षेत्र में आरोपित बलाघूर्ण, …..(3)
विद्युत द्विध्रुव की बाह्य विद्युत क्षेत्र में स्थितिज ऊर्जा, …..(4)
अब यदि हम उपरोक्त समीकरणों में निम्नलिखित प्रतिस्थापन करें :-
तब इसी प्रकार के परिणाम हमें चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण M व 2l लम्बाई वाले चुम्बकीय द्विध्रुव (दंड चुम्बक) के लिए प्राप्त होंगे :-
दंड चुम्बक के अक्ष पर चुंबकीय क्षेत्र(यदि r >> l हो), …..(5)
दंड चुम्बक के निरक्ष(विषुवतीय रेखा) पर चुंबकीय क्षेत्र(यदि r >> l हो), …..(6)
दंड चुम्बक पर बाह्य चुंबकीय क्षेत्र में आरोपित बलाघूर्ण, …..(7)
दंड चुम्बक की बाह्य चुंबकीय क्षेत्र में स्थितिज ऊर्जा, …..(8)
निम्न सारणी यह अनुरूप दर्शाती है :-