सेलों का संयोजन
सेलों का संयोजन :- प्रत्येक विशिष्ट विभव के मान की आवश्यकता के लिए विभव स्रोत (बैटरी) बनाना संभव नहीं है। जब एक विशिष्ट विभवांतर की आवश्यक होता है, तो विभव और विद्युत धारा के वांछित मान को प्राप्त करने के लिए दो या दो से अधिक सेलों/बैटरी का उपयोग विभिन्न संयोजनों में किया जाता है। इन सेलों को मुख्यतः दो प्रकार के संयोजनों में जोड़ा जा सकता है। ये दो संयोजन हैं :-
- श्रेणी क्रम संयोजन और
- समानांतर क्रम संयोजन
श्रेणी क्रम में सेलों का संयोजन
जब लोड (जैसे विद्युत मोटर, विद्युत उपकरण या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण) के लिए आवश्यक विभवांतर, एकल सेल या बैटरी के विभव से अधिक हो जाता है, तो कुल विभवांतर बढ़ाने के लिए सेलों को श्रेणी में जोड़ा जाता है। सेलों के श्रेणी क्रम संयोजन में कई सेलों को एक दुसरे से इस प्रकार जोड़ा जाता है कि एक सेल का धनात्मक सिरा अगली सेल के ऋणात्मक सिरे से जुड़ा हो, और इसी प्रकार आगे की सेलों को जोडा जाता है। इस व्यवस्था में एकल पथ होने से सभी सेलों से सामान विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
मान लीजिए ε1, ε1 दो सेलों के विद्युत वाहक बल हैं और r1, r2 क्रमशः इनके आंतरिक प्रतिरोध हैं। माना कि तीन बिंदुओं A, B और C के विद्युत विभव VA, VB, और VC हैं और इनमें से प्रवाहित विद्युत धारा I है।
उपरोक्त सेलों के लिए विभवांतर :-
…..(1)
…..(2)
सेलों के श्रेणी क्रम संयोजन के लिए विभवांतर :-
…..(3)
अब यदि श्रेणी क्रम संयोजन को विद्युत वाहक बल εeq और आंतरिक प्रतिरोध req के एकल सेल द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, तब
…..(4)
समीकरण (3) और (4) की तुलना करने पर,
…..(5)
…..(6)
सामान्यतः यदि n सेलें श्रेणी क्रम में जुड़ी हों तो,
तुल्य विद्युत वाहक बल (εeq) = ε1 + ε2 + ε3 + …..
तुल्य आंतरिक प्रतिरोध (req) = r1 + r2 + r3 + …..
नोट :-
श्रेणी क्रम संयोजन में यदि पहले सेल का ऋणात्मक सिरा दूसरे सेल के ऋणात्मक सिरा से जुड़ा है, तो
…..(7)
तुल्य सेल के लिए भी,
…..(8)
समीकरण (7) और (8) की तुलना करना,
तुल्य विद्युत वाहक बल (εeq) = ε1 – ε2
तुल्य आंतरिक प्रतिरोध (req) = r1 + r2
समानांतर क्रम में सेलों का संयोजन
निम्न चित्र में बिंदु A और D के मध्य सेलों के समानांतर क्रम संयोजन को दर्शाया गया है जिसमें प्रत्येक सेल का धनात्मक सिरा एक बिंदु से जुड़ा है और प्रत्येक सेल का ऋणात्मक सिरा दूसरे बिंदु से जुड़ा है।
माना ε1 , ε1 सेलों के विद्युत वाहक बल हैं और r1, r2 क्रमशः इनके आंतरिक प्रतिरोध हैं तथा सेलों द्वारा परिपथ को प्रदान विद्युत धारा I1 और I2 हैं।
सेलों द्वारा आपूर्ति की गई कुल विद्युत धारा,
I = I1 + I2 …..(9)
चूँकि सेलें समानांतर क्रम में जुड़ी हुई हैं इसलिए सेलों के मध्य विभवांतर (ΔV) समान है। प्रथम सेल के लिए,
दूसरी सेल के लिए,
I1 और I2 के मानों को समीकरण (9) में रखने पर, हमें प्राप्त होता है
…..(10)
अब यदि सेलों के समानांतर क्रम संयोजन को विद्युत वाहक बल εeq और आंतरिक प्रतिरोध req के एकल समकक्ष सेल द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है, जैसा कि ऊपर चित्र में दिखाया गया है, तब
…..(11)
समीकरण (10) और (11) की तुलना करने पर,
…..(12)
और
…..(13)
अथवा
…..(14)
समीकरण (12) को समीकरण (13) से विभाजित करने पर हमें प्राप्त होता है,
…..(15)
सामान्यतः यदि n सेलें समानांतर क्रम संयोजन में जुड़ी हों तब, तुल्य विद्युत वाहक बल (εeq) और तुल्य आंतरिक प्रतिरोध (req) निम्न समीकरणों द्वारा दिए गए हैं :-
और
नोट :-
यदि समान विद्युत वाहक बल ε और समान आंतरिक प्रतिरोध r की दो सेलें समानांतर क्रम में जुड़ी हुई हों, तब
और