समान्तर क्रम संयोजन
प्रतिरोधों के समान्तर क्रम संयोजन में :-
- प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों पर विभवान्तर समान होता है।
- प्रत्येक प्रतिरोध में से प्रवाहित धारा प्रतिरोध के मान के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
- परिपथ में प्रवाहित कुल धारा प्रत्येक प्रतिरोध में से अलग-अलग प्रवाहित धाराओं के योग के बराबर होती है।
अतः
समान्तर क्रम संयोजन का तुल्य प्रतिरोध
उदाहरण 1.
प्रतिरोध R, 2R, 4R, 8R … ∞ समान्तर क्रम में जुडे हुए हैं। उनका तुल्य प्रतिरोध कितना होगा?
हल :-
उदाहरण 2.
दिए गए परिपथ का तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिये।
हल :-
यहां सभी प्रतिरोध बिंदु A व B के मध्य जुड़े हुए हैं। अतः तुल्य परिपथ है।
अथवा
अतः