समानांतर चालक प्लेटें
समानांतर चालक प्लेटें :- आइए हम दो समानांतर चालक प्लेटों पर विचार करें। प्लेट I को आवेश Q1 दिया गया है और प्लेट II को आवेश Q2 दिया गया है जो प्लेटों पर निम्न प्रकार स्वयं वितरित हो जाते हैं : –
यहाँ
q1 + q2 = Q1 …..(1)
q3 + q4 = Q2 …..(2)
अब एक गाउसीयन पृष्ठ ABCD पर विचार करें जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। इस बंद पृष्ठ के दो फलक पूर्णतया चालक के अन्दर स्थित हैं(AD और BC), जहाँ विद्युत क्षेत्र शून्य है। इन फलकों से निर्गत फ्लक्स शून्य है। बंद सतह के दूसरे फलक जो कि चालक के बाहर स्थित हैं, विद्युत क्षेत्र के समान्तर हैं। अतः इन फलकों से पारित विद्युत फ्लक्स भी शून्य है। इसलिए, बंद प्रष्ठ ABCD से निर्गत कुल विद्युत फ्लक्स शून्य है। गाउस के नियम से बंद प्रष्ठ के अन्दर कुल आवेश शून्य होना चाहिये। प्रष्ठ I की आन्तरिक सतह पर आवेश, प्रष्ठ II की आन्तरिक सतह पर आवेश के बराबर व विपरीत प्रक्रति का होना चाहिये।
अतः
q2 = – q3 …..(3)
अब वितरित आवेशों के मथ्य अन्य संबंध ज्ञात करने के लिए हम बिंदु P पर कुल विद्युत क्षेत्र ज्ञात करते हैं।
हम जानते हैं कि आवेश की एकल परत के कारण विद्युत क्षेत्र होता है।
बिंदु P पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता :-
आवेश की q1 परत के कारण = (दाहिने हाथ की ओर)
आवेश की q2 परत के कारण = (बाएँ हाथ की ओर)
आवेश की q3 परत के कारण = (बाएँ हाथ की ओर)
आवेश की q4 परत के कारण = (बाएँ हाथ की ओर)
बिंदु P पर कुल विद्युत क्षेत्र,
चूँकि बिंदु P चालक के अंदर स्थित है, इसलिए यहाँ विद्युत क्षेत्र शून्य होना चाहिए
अब क्यूंकि q2 = – q3, अतः
q1 = q4 …..(4)
अब समीकरण (1) और (2) का योग करने पर,
समीकरण (1) और (2) में q4 का मान रखने पर, हमें मिलता है
&
अंत में,
…..(5)
…..(6)
…..(7)
इसी तरह, आइए तीन समानांतर चालक प्लेटों I, II और III पर विचार करें, जिनपर क्रमशः Q1 , Q2 और Q3 आवेश हैं। ये आवेश नीचे दिए गए चित्र में दिखाए अनुसार वितरित हो जाएँगे :
यहाँ
q1 + q2 = Q1 …..(8)
q3 + q4 = Q2 …..(9)
q5 + q6 = Q3 …..(10)
दो समान्तर चालक प्लेटों की उपरोक्त चर्चा से, गाउसीय पृष्ठों ABCD और EFGH के लिए हम लिख सकते हैं :
q2 = – q3 …..(11)
q4 = – q5 …..(12)
अब बिन्दु P पर विद्युत क्षेत्र :-
Due to q1 layer of charge = (towards right hand side)
Due to q2 layer of charge = (towards left hand side)
Due to q3 layer of charge = (towards left hand side)
Due to q4 layer of charge = (towards left hand side)
Due to q5 layer of charge = (towards left hand side)
Due to q6 layer of charge = (towards left hand side)
बिन्दु P पर कुल विद्युत क्षेत्र,
चूँकि बिंदु P चालक के भीतर स्थित है, इसलिए यहाँ कुल विद्युत क्षेत्र शून्य होना चाहिए,
उपरोक्त समीकरण में समीकरण (11) और (12) का उपयोग करके, हम प्राप्त करते हैं
…..(13)
समीकरण (8), (9)और (10) को जोड़ने पर,
उपरोक्त समीकरण में पुनः समीकरण (11) और (12) का उपयोग करने पर,
…..(14)
अंततः समीकरण (13) और (14) से हम लिख सकते हैं :
…..(15)
अब समीकरण (8) से
…..(16)
समीकरण (11) से
…..(17)
समीकरण (9) से
…..(18)
और समीकरण (12) से
…..(19)
उपरोक्त चर्चा में हम समीकरण (5) और (15) से देखते हैं कि समानांतर चालक प्लेटों के निकाय की बाह्य सतहों पर आवेश समान होता है और इसका मान निकाय के कुल आवेश के आधे के बराबर होता है।
अतः परिणाम यह है कि, जब आवेशित चालक प्लेटें एक दूसरे के समानांतर रखी जाती हैं, तो दो सबसे बाहरी सतहें समान आवेश प्राप्त करती हैं, जिनमें से प्रत्येक प्रणाली के कुल आवेश का आधा होता है, जबकि आमने-सामने वाली सतहें समान और विपरीत आवेश प्राप्त करती हैं।
अतः परिणाम यह है कि, जब आवेशित चालक प्लेटों को एक-दूसरे के समान्तर रखा जाता है तो बाह्यतम सतहों पर आवेश समान होता है और इसका मान निकाय के कुल आवेश का आधा होता है तथा सम्मुख सतहों पर समान परिमाण तथा विपरीत प्रकृती के आवेश प्राप्त होते हैं ।
उदाहरण 1.
चित्र में तीन बड़ी चालक प्लेटें दर्शायी गई हैं जिनके आवेश क्रमशः – Q, 3Q और Q हैं। सभी सतहों पर अन्तिम आवेश ज्ञात करें।
हल :-
माना कि पृष्ठ 2 पर आवेश x है। आवेश संरक्षण नियम से पृष्ठ 1 पर आवेश (– Q – x) होगा। धात्विक प्लेट के अन्दर विद्युत क्षेत्र शून्य है, अतः P पर विद्युत क्षेत्र भी शून्य होगा।
P पर परिणामी विद्युत क्षेत्र शून्य है, अतः
[नोट :- यहाँ आप यह सोच सकते हैं कि हमने ज्ञात करने के लिए दूसरी और तीसरी पट्टिका पर आवेश वितरण के मान मान न ले करके कुल आवेश “3Q” और “Q” का प्रयोग किया है ! इसके लिए आप उदाहरण 4. देख सकते हैं। ]
अब हम जानते हैं कि प्लेटों की आमने-सामने की सतहों पर आवेश समान परिमाण और विपरीत चिह्न के होते हैं।
इस प्रकार सभी सतहों पर अंतिम आवेश वितरण निम्न होगा :-
दूसरी विधि :-
बाह्यतम सतहों पर आवेश का मान :
पहली प्लेट पर कुल आवेश “-Q” है, इसलिए इसकी आंतरिक सतह पर आवेश :
इसी प्रकार अन्य पृष्ठों पर भी आवेशों की गणना की जा सकती है।
उदाहरण 2.
दो लम्बी समानान्तर चालक पट्टिकाओं (दोनों एक दूसरे से परिमित दूरी पर हैं।) को क्रमशः Q तथा 2Q आवेश दिया जाता है। तो सभी पृष्ठों पर उपस्थित आवेश की गणना कीजिए।
हल :-
बाह्यतम सतहों पर आवेश का मान :
पहली प्लेट पर कुल आवेश “Q” है, इसलिए इसकी आंतरिक सतह पर आवेश :
सम्मुख सतहों पर समान परिमाण तथा विपरीत प्रकृती का आवेश होता है, अतः
अतः आवेश वितरण निम्न प्रकार होगा :
उदाहरण 3.
Q आवेश व A क्षेत्रफल की एक विलगित चालक पट्टिका एक समरूप विद्युत क्षेत्र E में इस प्रकार रखी हुई है कि विद्युत क्षेत्र प्लेट के लम्बवत् है व सम्पूर्ण पट्टिका पर विद्यमान
है तो इसके दोनों पृष्ठों पर उत्पन्न आवेशों का मान ज्ञात कीजिए।
हल :-
माना प्लेट के बायें फलक पर आवेश x है तब दायें फलक पर आवेश (Q-x) होगा।
चूँकि चालक में कुल विद्युत क्षेत्र शुन्य होता है, अतः प्लेट में बिंदु P पर :
व दुसरे प्रष्ठ पर आवेश,
अतः एक प्रष्ठ पर आवेश और दुसरे प्रष्ठ पर आवेश
है।
उदाहरण 4.
यदि किसी विलगित अनन्त लम्बाई वाली पट्टिका के एक सतह पर आवेश Q1 तथा दूसरी सतह पर आवेश Q2 है तो सिद्ध कीजिए कि पट्टिका के सामने किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता होती है। जहाँ Q = Q1 + Q2
हल :-
पट्टिका के निकट किसी बिंदु P पर कुल विद्युत क्षेत्र की तीव्रता :
[यह सिद्ध करता है कि पट्टिका के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता, पट्टिका पर कुल आवेश पर निर्भर करता है। यह अलग-अलग प्रष्ठ पर उपस्थित आवेश वितरण पर निर्भर नहीं करती है।]