श्रेणी क्रम संयोजन
प्रतिरोधों के श्रेणी क्रम संयोजन में :-
- प्रत्येक प्रतिरोध में से प्रवाहित धारा समान होती है।
- प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों पर विभवान्तर प्रतिरोध के मान के सीधे समानुपाती होता है।
V1 = IR1, V2 = IR2 , V3 = IR3,
- प्रतिरोधों के सिरों पर विभव का योग परिपथ में प्रयुक्त विभव के बराबर होता है।
V = V1 + V2 + V3
⇒ IR = IR1 + IR2 + IR3
अतः
श्रेणी क्रम संयोजन का तुल्य प्रतिरोध
⇒ R = R1 + R2 + R3
उदाहरण 1.
दिये गये परिपथ में धारा ज्ञात कीजिये।
हल :-
Req = (1 + 2 + 3) Ω = 6 Ω
धारा,
I = V/Req = (30/6) = 5 Amp.
उदाहरण 2.
4 R, 16 R, 64 R … ∞ के प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। संयोजन का तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिये।
हल :-
Req = 4R + 16R + 64R + … ∞ = ∞