समतल तथा बंकित वृताकार पथ पर वाहन की गति
समतल तथा बंकित वृताकार पथ पर वाहन की गति के समय सड़क के मोड़ पर वाहनों को मुड़ने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल की आवश्यकता होती है और यह अभिकेन्द्रीय बल वाहन को सड़क व टायरों के मध्य घर्षण बल द्वारा अथवा सड़क द्वारा वाहन को दी जाने वाली अभिलम्ब प्रतिक्रिया के त्रिज्य घटक द्वारा ( जब सड़क में बंकन हो ) अथवा दोनों द्वारा प्रदान किया जाता है।
(1) समतल वृताकार पथ पर वाहन की गति ( Motion of a vehicle on a plan circular road)
माना m द्रव्यमान की कोई कार r त्रिज्या की समतल वृताकार सड़क पर नियत चाल v से गतिशील है। कार पर आरोपित बल :-
- कार का भार mg ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर ।
- सड़क द्वारा कार को दी जाने वाली अभिलम्ब प्रतिक्रिया R ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर।
- कार के टायरों पर घर्षण बल f , जो की वृताकार मार्ग के केंद्र की ओर है ( वृताकार मोड़ पर कार, वृताकार पथ को छोड़ कर मोड़ के केंद्रे से दूर जाना चाहती है। अतः टायरों पर घर्षण बल f , कार को फिसलने से रोकता है, इसलिए घर्षण बल की दिशा वृताकार मार्ग के केंद्र की ओर होगी ) ।
यहाँ कार के टायरों पर घर्षण बल f , कार को वृताकार मार्ग पर गति करवाने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल प्रदान करता है और कार को वृताकार पथ के केंद्र से दूर जाने से रोकता है।
यदि कार के टायरों व सड़क के मध्य घर्षण गुणांक µ हो तो:-
घर्षण बल f ≤ µR
ऊर्ध्वाधर दिशा में बालों के संतुलन से :-
mg = R
क्यूंकि घर्षण बल, कार को आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल प्रदान करता है, अतः
समतल वृताकार पथ पर कार की सुरक्षित गति की लिए अभिकेन्द्रीय बल का मान घर्षण बल के बराबर या इससे कम होना चाहिए।
अतः
अतः कार की अधिकतम सुरक्षित चाल
नोट:- कार की अधिकतम सुरक्षित चाल कार के द्रवमान पर निर्भर नहीं करती।
(2) बंकित वृताकार पथ पर वाहन की गति ( Motion of a vehicle on a banked road )
यहाँ 3 स्थितियां बनती हैं :-
(a) जब घर्षण द्वारा अभिकेन्द्रीय बल नहीं लगाया जा रहा हो : –
माना कि बंकित सड़क का बंकन कोण θ है तथा वृताकार पथ की त्रिज्या r है ।
चित्र से —
……….(1)
……….(2)
समीकरण (2)/(1) से —
……….(3)
नोट:- इस चाल से ढालू सड़क पर कार चलाने पर कार के टायरों की घिसाई कम होती है।
(b) अधिकतम सुरक्षित चाल ( जब घर्षण बल प्रभावी हो ) :-
चित्र से —
……….(4)
……….(5)
समीकरण (5) में (4) का भाग देने पर
कार की सुरक्षित अधिकतम चाल vmax हो तो
जहाँ घर्षण बल का अधिकतम मान f = μR होता है।
……….(6)
ढालू सड़क पर कार की अधिकतम चाल समतल सड़क पर कार की अधिकतम संभव चाल
() से अधिक है।
(c) न्यूनतम सुरक्षित चाल ( जब घर्षण बल प्रभावी हो ) :-
जब कार की चाल से कम हो तब कार के मोड़ के भीतर की ओर फिसलने की संभावना रहती है तब घर्षण बल f बाहर की ओर लगता है। इस स्थिति मे समीकरण (4) व (5) मे f का चिन्ह बदलने पर—
……….(7)
……….(8)
समीकरण (8) में (7) का भाग देने पर
जब कार की चाल न्यूनतम होगी तब घर्षण बल अधिकतम, अर्थात f = μR के बराबर होगा, अतः
……….(9)
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Thank you so much sir ji
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Thanks so much sir (sir moj hi kar de)
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