विभवांतर | विद्युत विभवांतर
विभवांतर | विद्युत विभवांतर :- विद्युत क्षेत्र में दो बिंदुओं के मध्य विभवांतर को प्रति इकाई धनात्मक आवेश पर बाह्य बल द्वारा किए गए कार्य के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो इसे बिना त्वरण के विद्युत क्षेत्र के विरुद्ध एक बिंदु से दूसरे बिंदु ले जाने में किया जाता है। यह एक अदिश राशि है और इसे वोल्ट (V) में मापा जाता है।
मान लीजिए बिन्दु B पर विद्युत विभव VB है तथा बिन्दु C पर VC है, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है :-
विद्युत विभव की परिभाषा के अनुसार, विद्युत क्षेत्र के विरुद्ध अनंत से बिंदु C तक प्रति इकाई धनावेश को लाने में किया गया कार्य VC है और इसी प्रकार विद्युत क्षेत्र के विरुद्ध अनंत से बिंदु B तक प्रति इकाई धनावेश को लाने में किया गया कार्य VB है (स्पष्टतः VB > VC)। इसलिए, बिंदु B और C के मध्य विभवांतर,
विभवांतर के बारे में मुख्य निष्कर्ष
(1). विद्युत क्षेत्र के विपरीत चलने पर VCB धनात्मक होगा : यदि हम एक इकाई धनावेश को बिंदु C से B तक ले जाएं (विद्युत क्षेत्र की विपरीत दिशा में), तो विभवांतर VCB = VB – VC धनात्मक होगा।
(2). किसी आवेश को B से C तक ले जाने में बाह्य बल द्वारा कोई कार्य नहीं किया जाता है : धनात्मक आवेश को B से C तक ले जाने के लिए किसी बाह्य कार्य की आवश्यकता नहीं होती; विद्युत क्षेत्र यह कार्य करता है। इसलिए, विभवांतर VBC = VC – VB ऋणात्मक होगा।
(3). अदिश राशी :विभवांतर एक अदिश राशि है। इसके S.I. मात्रक विद्युत विभव के समान अर्थात् वोल्ट हैं।
(4). पथ स्वतंत्रता : विद्युत क्षेत्र में दो बिंदुओं के मध्य विभवांतर VCB , C से B के मध्य चुने गए पथ पर निर्भर नहीं करता है। यह स्थिर वैद्युत क्षेत्रों की संरक्षि प्रकृति कारण है।
(5). संदर्भ बिंदु पर निर्भर नहीं करता : दो बिंदुओं के मध्य विभवांतर संदर्भ बिंदु के चुनाव पर निर्भर नहीं करता है।