विद्युत धारा
गतिशील विद्युत आवेश, विद्युत धारा उत्पन्न करते हैं। कोई भी माध्यम जिसमें प्रायोगिक रूप से मुक्त विद्युत आवेश, गति करने के लिए स्वतंत्र हो, विद्युत का चालक कहलाता है। विद्युत आवेश उच्च स्थितिज ऊर्जा अवस्था(उच्च विद्युत विभव) से निम्न स्थितिज ऊर्जा अवस्था (निम्न विद्युत विभव) की ओर प्रवाहित होते हैं।
धन आवेश उच्च विभव से निम्न विभव की ओर तथा ऋण आवेश निम्न विभव से उच्च विभव की ओर प्रवाहित होते हैं।
विद्युत धारा (परिभाषा) :
किसी चालक के अनुप्रस्थ काट से एकांक समय में गुजरने वाले आवेश को विद्युत धारा कहते हैं।
यदि किसी क्षेत्रफल से ΔQ आवेश Δt समय मे प्रवाहित होता है, तो इस समायांतराल में क्षेत्रफल से प्रवाहित औसत विद्युत धारा (Iavg) को इस प्रकार परिभाषित करते हैं :-
औसत विद्युत धारा, Iavg = ΔQ/Δt
तात्क्षणिक विद्युत धारा,
अथवा
तात्क्षणिक विद्युत धारा = आवेश तथा समय के मध्य दिए गए आलेख की ढाल (slope)
विद्युत धारा के मात्रक
- S.I. मात्रक :- एम्पेयर (Ampere) A
एक एम्पेयर : यदि किसी चालक के अनुप्रस्थ काट से एकांक समय में एक कूलाम आवेश प्रवाहित होता है, तो प्रवाहित धारा 1 एम्पीयर होगी।
चूँकि 1 कूलॉम आवेश 1/(1.6×10-19) = 6.25×1018 इलेक्ट्रॉनों द्वारा वहन किया जाता है, इसलिए 1 एम्पीयर का अर्थ चालक के किसी भी अनुप्रस्थ काट से प्रति सेकंड 6.25 × 1018 इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह है।
- C.G.S. मात्रक :- बॉयट biot (Bi)
एम्पेयर व बॉयट में सम्बन्ध, 1 Amp = 0.1 Bi
अथवा
1 Bi = 10 Amp
एक बॉयट :- निर्वात में एक सेंटीमीटर की दूरी पर रखे नगण्य अनुप्रस्थ काट छेत्रफल व अनंत लंबाई के दो चालक तारों में बहने वाली विद्युत धारा एक बॉयट होगी, यदि उनके मध्य 2 डायन प्रति सेंटीमीटर का बल उत्पन्न होता है।
Note :-
- धारा मूल भौतिक राशि है जिसकी विमा [M0L0T0A1] है।
- विद्युत धारा एक अदिश राशि है।
- विद्युत धारा की दिशा धन आवेश के प्रवाह या आरोपित विद्युत क्षेत्र की दिशा में होती है। यह इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह की दिशा के विपरित होती है।
- जब धारा प्रवाहित होती है तो चालक निरावेशित रहता है क्योंकि प्रति सेकण्ड एक सिरे पर प्रवेशित आवेश दूसरे सिरे पर प्रति सेकण्ड निर्गत आवेश के बराबर होता है।
- चालक में मुक्त इलेक्ट्राॅन के घनत्व की कोटि = 1028 इलेक्ट्राॅन/मीटर3
- दिये गये चालक के लिए धारा का मान, अनुप्रस्थ काट में परिवर्तन के साथ नही बदलता है।
- धारा का प्रवाह निर्वात में भी संभव है जैसे टेलीविजन की पिक्चर ट्यूब में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह।
- यदि q आवेश r त्रिज्या के वृत्त में v वेग से गति कर रहा है, तो इसका आवर्तकाल तथा तुल्य धारा होगी।
- यदि n कण जिनमें प्रत्येक पर आवेश q है, प्रति सेकण्ड किसी चालक के एकांक क्षेत्रफल से गुजरते हैं तो क्षेत्रफल A के अनुप्रस्थ काट से प्रवाहित धारा होगी।
- यदि किसी चालक के एकांक आयतन में n कण हैं जिन पर प्रत्येक पर आवेश q तथा वेग v है तो A क्षेत्रफल के अनुप्रस्थ काट से प्रवाहित धारा होगी।
उदाहरण 1.
एक पृष्ठ से गुजरने वाले आवेश Q का मान समय t पर निम्न प्रकार निर्भर करता है – Q=5t3+4t+3 कूलॉम, तब t = 1s पर पृष्ठ से प्रवाहित तात्क्षणिक धारा का मान ज्ञात कीजिये।
हल :
तात्क्षणिक धारा
t = 1s पर पृष्ठ से प्रवाहित धारा
उदाहरण 2.
किसी चालक के लिए धारा समय के साथ निम्न प्रकार से दी जाती है :-
i = 10 t
समय अंतराल 10 सेकंड में चालक से गुजरने वाला आवेश कितना होगा ?
हल :
जानते हैं कि , अतः व
t = 0 sec से t = 10 sec में चालक से गुजरने वाला आवेश,
उदाहरण 3.
एक चालक तार में प्रवाहित विद्युत धारा I = (2+3t) A के अनुसार समय t पर निर्भर करती है। तार के किसी अनुप्रस्थ काट से 10 सेकण्ड में प्रवाहित होने वाले आवेश की गणना कीजिये।
हल :
उदाहरण 4.
दिए गए आवेश – समय वक्र से विद्युत धारा का मान ज्ञात कीजिये।
हल :
हम जानते हैं की
तात्क्षणिक विद्युत धारा = आवेश तथा समय के मध्य दिए गए आलेख की ढाल (slope)
विद्युत धारा (i) = q – t वक्र की ढाल = tan θ = tan 45o = 1 Amp.
उदाहरण 5.
हाइड्रोजन परमाणु का इलेक्ट्रान एक वृताकार पथ में जिसकी त्रिज्या 5.3 × 10−11 मीटर है, 2.2 × 106 मीटर/सेकण्ड की एकसमान चाल से चक्कर लगाता है। विद्युत धारा का औसत मान ज्ञात कीजिए।
हल :
अथवा
उदाहरण 6.
एक हीटर के तार में से एक मिनिट में गुजरने वाले इलेक्ट्रॉन की संख्या क्या होगी, यदि इसमें 8 एम्पीयर धारा प्रवाहित हो रही हो ?
हल :
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