विद्युत ऊर्जा घनत्व
विद्युत ऊर्जा घनत्व :- द्रव्यमान m और आवेश q वाले एक छोटे पिंड को विद्युत क्षेत्र E में रखे जाने पर विचार करें। इसे क्षेत्र में छोड़ने पर, यह बल qE के कारण क्षेत्र की दिशा में त्वरित होता है, तथा गतिज ऊर्जा प्राप्त करता है।
यह ऊर्जा विद्युत क्षेत्र से आती है, जो यह दर्शाता है कि विद्युत क्षेत्र अपने द्वारा घेरे गए स्थान में ऊर्जा संग्रहीत करता है। इसे विद्युत क्षेत्र ऊर्जा (electric field energy) के रूप में जाना जाता है। आइए विद्युत क्षेत्र में संग्रहीत इस ऊर्जा की गणना करें और क्षेत्र का विद्युत ऊर्जा घनत्व ज्ञात करें।
विद्युत ऊर्जा घनत्व – विद्युत क्षेत्र ऊर्जा कहां से आती है ?
हम जानते हैं कि किसी आवेशित वस्तु के चारों ओर विद्युत क्षेत्र होता है। वस्तु पर आवेश के मान में वृद्धि करने के लिए अथवा वस्तु के चारों ओर विद्युत क्षेत्र के आयतन में वृद्धि करने के लिए हमें इस विद्युत क्षेत्र के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है। विद्युत क्षेत्र के विरुद्ध किया गया यह कार्य विद्युत क्षेत्र ऊर्जा (electric field energy) (U) के रूप में संग्रहित हो जाता है तथा प्रति इकाई आयतन में क्षेत्र ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा घनत्व (energy density of electric field) (u) कहते हैं।
विद्युत ऊर्जा घनत्व- व्युत्पत्ति
सरलता के लिए, आइए हम r त्रिज्या वाले एक आवेशित गोलाकार कोष पर विचार करें जिसका पृष्ठीय आवेश घनत्व σ है।
चालक की सतह पर बाहर की ओर आरोपित विद्युत दाब,
…..(1)
गोलाकार सतह द्वारा बाहर की ओर अनुभव किया गया बल,
…..(2)
अब यदि हम यह मानें कि धातु की सतह लचीली है और बाह्य बल लगाकर संपीड़ित की जा सकती है, तो समीकरण (2) द्वारा दिए गए बल के विरुद्ध गोले को dr दुरी तक संपीड़ित करने के लिए किया गया अल्प कार्य (dW) होगा :
…..(3)
संपीड़न के कारण गोले के आयतन में हुई कमी (अथवा चालक के चारों ओर विद्युत क्षेत्र के आयतन में वृद्धि ) :
…..(4)
समीकरण (3) और (4) से,
चालक के चारों ओर सम्पूर्ण विद्युत क्षेत्र में संग्रहित कुल ऊर्जा (U),
…..(5)
अतः विद्युत क्षेत्र के प्रति इकाई आयतन में संग्रहित ऊर्जा, अर्थात विद्युत ऊर्जा घनत्व (u) :
…..(6)
क्यूंकि .
समीकरण (6) विद्युत ऊर्जा घनत्व के लिए आवश्यक अभिव्यक्ति है।
यदि निर्वात के स्थान पर कोई अन्य माध्यम हो, तब
यद्यपि यह व्युत्पत्ति आवेशित गोलाकार कोष की सहायता से की गई है, किन्तु यह किसी भी प्रकार के आवेश विन्यास के लिए मान्य है।