मैक्सवेल के समीकरण
मैक्सवेल के समीकरण :- मैक्सवेल ने विद्युत एवं चुंबकत्व के लिए 4 गणितीय समीकरण दिए जिन्हें मैक्सवेल के समीकरण कहते हैं। इन समीकरणों के आधार पर विद्युत चुंबकीय घटनाओं की व्याख्या की जा सकती है। मैक्सवेल के समीकरण निम्न प्रकार हैं :-
1. स्थिर विद्युत क्षेत्र के लिए गाउस का नियम
इस नियम के अनुसार किसी बंद पृष्ठ से निर्गत कुल विद्युत फ्लक्स ΦE उस क्षेत्र से परिबद्ध आवेशों के योग Σq एवं निर्वात की विद्युतशीलता ε0 के अनुपात के बराबर होता है। अर्थात
2. स्थिर चुंबकीय क्षेत्र के लिए गाउस का नियम
क्योंकि चुंबक के ध्रुव प्रथक-प्रथक नहीं किए जा सकते अर्थात स्वतंत्र उत्तरी ध्रुव अथवा स्वतंत्र दक्षिणी ध्रुव का अस्तित्व नहीं होता अतः किसी बंद पृष्ठ से निर्गत कुल चुंबकीय फ्लक्स का मान शुन्य होता है। इसलिए चुंबकत्व के लिए गाउस का नियम निम्न प्रकार होगा :-
3. फैराडे हेनरी का नियम
फैराडे के द्वितीय नियम से प्रेरित विद्युत वाहक बल,
किसी सतह से निर्गत कुल चुंबकीय फ्लक्स,
अतः प्रेरित विद्युत वाहक बल,
समय परिवर्ति चुंबकीय क्षेत्र के लिए प्रेरित विद्युत वाहक बल,
हम जानते हैं कि
अतः यदि चालक में विद्युत क्षेत्र E हो तब प्रेरित विद्युत वाहक बल,
अब समीकरण (a) व (b) से
समीकरण (3) के अनुसार परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र के कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र दर्शाया गया है। इस समीकरण को फैराडे हेनरी का नियम कहते हैं।
4. ऐम्पियर-मैक्सवेल का नियम
ऐम्पियर के परिपथीय नियम से :-
उपरोक्त समीकरण चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के कारण उत्पन्न चालन धारा(conduction current) Ic के लिए सत्य है।
यदि परिपथ में ऐसे घटक भी उपस्थित हों जिनमें विद्युत धारा परिवर्ती विद्युत क्षेत्र के कारण विस्थापन धारा(displacement current) Id के रूप में प्रवाहित होती हो तब,
चूँकि विस्थापन धारा
अतः
अब
अतः
समीकरण (4) के अनुसार परिवर्ती विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र दर्शाया गया है। इस समीकरण को ऐम्पियर-मैक्सवेल का परिपथीय नियम कहते हैं।