मात्रक पद्धतियाँ
मात्रक पद्धतियाँ :-
मात्रक पद्धतियाँ या मात्रक प्रणाली, सभी प्रकार की भौतिक राशियों के लिए(मूल और व्युत्पन्न दोनों) एक पूरा सेट होता है। यांत्रिकी में उपयोग की जाने वाली मात्रक पद्धतियाँ नीचे दी गई हैं:-
(a) C.G.S. प्रणाली/गॉसीय प्रणाली :- इस प्रणाली में मूल राशियाँ लंबाई, द्रव्यमान और समय हैं और उनके संबंधित मात्रक क्रमशः सेंटीमीटर (cm), ग्राम (g) और सेकंड (s) हैं।
(b) F.P.S. प्रणाली या ब्रिटिश इंजीनियरिंग सिस्टम :- इस प्रणाली में लंबाई, द्रव्यमान और समय को मूल राशी के रूप में लिया जाता है और उनके संबंधित मात्रक क्रमशः फुट(ft), पाउंड (lb.) और सेकंड (s) हैं।
(c) MKS प्रणाली :- इस प्रणाली में भी मूल राशियाँ लंबाई, द्रव्यमान और समय होती हैं लेकिन उनके मूल मात्रक क्रमशः मीटर (m), किलोग्राम (kg) और सेकंड (s) होते हैं।
(d) मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली (SI प्रणाली) :-
यह प्रणाली MKS प्रणाली का संशोधन है। MKS प्रणाली में सात मूल मात्रकों के अतिरिक्त दो पूरक मात्रक भी शामिल हैं। SI प्रणाली वर्तमान में दुनिया भर में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।
पूरक मात्रक
SI प्रणाली में कोण के मापन के लिए दो पूरक मात्रकों को भी परिभाषित किया गया है :-
(i) समतल कोण के लिए रेडियन (Radian) और
(ii) ठोस कोण के लिए स्टेरेडियन (Steradian)
(i) रेडियन :- 1 रेडियन समतल कोण, एक वृत्त के केंद्र पर वृत्त की त्रिज्या की लंबाई के बराबर एक चाप द्वारा अंतरित कोण होता है।
यदि ds = r तो dθ = 1 रेडियन
1 रेडियन = (180/π) डिग्री = 57.3 डिग्री
(ii) स्टेरेडियन :-
1 स्टेरेडियन एक गोले के केंद्र पर, गोले की उस सतह से अंतरित ठोस कोण के बराबर होता है जिसका क्षेत्रफल गोले की त्रिज्या के वर्ग(r2) के क्षेत्रफल के बराबर होता है।
ठोस कोण(dΩ) = dA/r2
यदि dA = r2 तो dΩ = 1 स्टेरेडियन
सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल द्वारा केंद्र पर अंतरित घन कोण :-
Ω = 4πr2/r2 = 4π स्टेरेडियन
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