प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का औसत मान | एक अर्धचक्र में प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का औसत मान
प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का औसत मान | एक अर्धचक्र में प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का औसत मान :- प्रत्यावर्ती धारा की भांति प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का मान भी प्रथम अर्ध चक्र (t = 0 से t = T/2) में धनात्मक होता है व द्वितीय अर्ध चक्र (t = T/2 से t = T) में उतना ही ऋणात्मक होता है, अतः एक पूर्ण चक्र में प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का औसत मान शून्य प्राप्त होगा। इसलिए हम किसी भी एक अर्ध चक्र के लिए प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का औसत मान ज्ञात करेंगे।
किसी भी एक अर्ध चक्र में प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का औसत मान उस दिष्ट विधुत-वाहक बल (नियत विभवान्तर) के मान के तुल्य होता है जो किसी विद्युत परिपथ में अर्ध चक्र में (T/2 समय में) उतना आवेश प्रवाहित कर दे, जितना प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल द्वारा उसी विद्युत परिपथ में अर्ध चक्र में प्रवाहित किया जाता है।
प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का औसत मान ज्ञात करने के लिए माना किसी विद्युत परिपथ पर आरोपित प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल निम्न फलन द्वारा दिया जाता है :-
…..(1)
जहाँ E0 प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का शीर्ष मान/शिखर मान है।
यदि किसी समय t पर परिपथ में धारा का मान I हो, तब
जहाँ R परिपथ का प्रतिरोध है।
यदि अल्प समय dt के लिए प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का मान नियत माना जाए तब परिपथ में प्रवाहित अल्प आवेश dq :
…..(2)
प्रथम अर्ध चक्र (t = 0 से t = T/2) में परिपथ में प्रवाहित कुल आवेश :
…..(3)
यदि Em प्रथम अर्ध चक्र (t = 0 से t = T/2) में प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का औसत मान हो, तब
…..(4)
समीकरण (3) व (4) से,
…..(5)
अतः अर्ध चक्र में प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का औसत मान उसके शिखर मान (E0) का 0.637 गुना होता है अथवा शिखर मान का 63.7 % होता है।
इसी प्रकार समीकरण (2) का द्वितीय अर्ध चक्र (t = T/2 से t = T) के लिए समाकलन किया जाए तब हमें निम्न मान प्राप्त होगा :
…..(6)
अतः एक पूर्ण चक्र (t = 0 से t = T) में प्रत्यावर्ती विधुत-वाहक बल का औसत मान (0.637 E0 – 0.637 E0 = शून्य) प्राप्त होता है।
उपरोक्त परिणाम को समीकरण (2) का t = 0 से t = T सीमा में समाकलन कर भी प्राप्त किया जा सकता है।
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