समान वोल्टेज की प्रत्यावर्ती धारा व दिष्ट धारा में कौन अधिक घातक ?
समान वोल्टेज की प्रत्यावर्ती धारा व दिष्ट धारा में कौन अधिक घातक ? :- हमारे घरों में प्रायः 220 वोल्ट की प्रत्यावर्ती धारा की आपूर्ति होती है। यह 220 वोल्ट, वोल्टता का वर्ग माध्य मूल मान है। अतः प्रत्यावर्ती वोल्टता का शिखर मान,
∴ E0 = 311 वोल्ट
इस प्रकार हमारे घरों में प्रवाहित प्रत्यावर्ती धारा का वोल्टता स्तर प्रत्येक चक्र में +311 वोल्ट से -311 वोल्ट तक परिवर्तित होता है। अन्य शब्दों में एक चक्र में प्रत्यावर्ती वोल्टता में होने वाला अधिकतम परिवर्तन 622 वोल्ट होता है। इसी कारण से 220 वोल्ट की प्रत्यावर्ती धारा व दिष्ट धारा में से प्रत्यावर्ती धारा अधिक घातक है।
प्रत्यावर्ती धारा व दिष्ट धारा से मानव शरीर पर पडने वाले प्रभावों की तुलना :
- तंत्रिका और मांसपेशी प्रतिक्रिया: AC धारा की आवृत्ति (जैसे 50 या 60 Hz) तंत्रिकाओं और मांसपेशियों के संकुचन का कारण बनती है, जिससे व्यक्ति को प्रत्यावर्ती धारा से अलग होना कठिन लगता है। जबकि DC में एक स्थिर धारा होती है, जिससे व्यक्ति को धक्का लग सकता है और वह धारा से अलग हो सकता है।
- हृदय पर प्रभाव: AC धारा हृदय की धड़कन में असामान्य बदलाव (fibrillation) उत्पन्न कर सकती है, जो जानलेवा हो सकते हैं। जबकि DC धारा से हृदय को प्रभावित करना कम संभावित होता है।
- शारीरिक प्रतिक्रिया: AC धारा की निरंतर बदलती दिशा से मांसपेशियों पर निरंतर दबाव पड़ता है, जबकि DC धारा केवल एक बार धक्का देती है, जिससे व्यक्ति बच सकता है।
हालांकि, उच्च वोल्टेज पर, दोनों प्रकार की धाराएँ घातक ही होती हैं, किन्तु समान वोल्टेज पर AC धारा अधिक खतरनाक मानी जाती है।
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