प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान
प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान (Root Mean Square Value) :- प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान (r.m.s. value), दिष्ट धारा का वह मान है जो एक दिए गए प्रतिरोध में एक निश्चित समय में उतनी ही मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करता है जितनी प्रत्यावर्ती धारा द्वारा उसी प्रतिरोध में उतने ही समय में उत्पन्न की जाती है। इसका प्रतीक Irms होता है। प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान प्रभावी मान (Ieff) (Effective Value) अथवा आभासी मान (Iv) (Virtual Value) भी कहलाता है।
प्रत्यावर्ती के लिए, RMS मान की गणना इस प्रकार की जाती है :
- एक चक्र में धारा के तात्क्षणिक मानों I(t) का वर्ग करना,
- तात्क्षणिक मानों के वर्गों का एक चक्र में माध्य (औसत) ज्ञात करना,
- प्राप्त परिणाम का वर्गमूल ज्ञात करना।
गणितीय रूप से, प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान मान इस प्रकार परिभाषित किया गया है :
प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान ज्ञात करने के लिए माना एक प्रत्यावर्ती धारा को निम्न फलन द्वारा प्रदर्शित किया जाता है :-
…..(1)
माना यह धारा एक प्रतिरोध R से प्रवाहित होती है तब अल्प समय dt में प्रतिरोध में उत्पन्न ऊष्मा :
एक पूर्ण चक्र (t = 0 से t = T) में प्रतिरोध R में उत्पन्न कुल ऊष्मा :
समीकरण (1) का मान रखने पर,
…..(2)
यदि Irms प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान हो, तब समान प्रतिरोध R में समान समय T (t = 0 से t = T) में उत्पन्न ऊष्मा,
…..(3)
समीकरण (2) व (3) से,
…..(4)
अतः प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान (Irms) अथवा प्रभावी मान (Ieff) उसके शिखर मान (I0) का 0.707 गुना होता है अथवा शिखर मान का 70.7 % होता है।
इसी प्रकार हम प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल का वर्ग माध्य मूल मान भी ज्ञात कर सकते हैं :-
प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल का वर्ग माध्य मूल मान
(प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान)
प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल का वर्ग माध्य मूल मान (r.m.s. value), दिष्ट वोल्टता का वह मान है जो एक दिए गए प्रतिरोध में एक निश्चित समय में उतनी ही मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करता है जितनी प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल द्वारा उसी प्रतिरोध में उतने ही समय में उत्पन्न की जाती है। इसका प्रतीक Erms होता है। प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल का वर्ग माध्य मूल मान प्रभावी मान (Eeff) (Effective Value) अथवा आभासी मान (Ev) (Virtual Value) भी कहलाता है।
प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल का वर्ग माध्य मूल मान ज्ञात करने के लिए माना एक प्रत्यावर्ती वोल्टता को निम्न फलन द्वारा प्रदर्शित किया जाता है :-
…..(5)
माना यह प्रत्यावर्ती वोल्टता एक प्रतिरोध R के सिरों पर आरोपित की जाती है, तब अल्प समय dt में प्रतिरोध में उत्पन्न ऊष्मा :
एक पूर्ण चक्र (t = 0 से t = T) में प्रतिरोध R में उत्पन्न कुल ऊष्मा :
…..(6)
यदि Erms प्रत्यावर्ती वोल्टता का वर्ग माध्य मूल मान हो, तब समान प्रतिरोध R में समान समय T (t = 0 से t = T) में उत्पन्न ऊष्मा,
…..(7)
समीकरण (6) व (7) से,
…..(8)
अतः प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल का वर्ग माध्य मूल मान (Erms) अथवा प्रभावी मान (Eeff) उसके शिखर मान (E0) का 0.707 गुना होता है अथवा शिखर मान का 70.7 % होता है।
कुछ महत्वपूर्ण तरंगे और उनके वर्ग माध्य मूल तथा औसत मान
नोट :-
(1). प्रत्यावर्ती धारा व प्रत्यावर्ती विद्युत वाहक बल का मापन क्रमशः तप्त-तंतु एमीटर (hot-wire ammeters) और तप्त-तंतु वोल्टमीटर (hot-wire voltmeters) द्वारा किया जाता है। ये इस सिद्धांत पर कार्य करते हैं कि जब विद्युत धारा किसी चालक तार से प्रवाहित होती है, तो धारा के उष्मीय प्रभाव के कारण तार में प्रसार होता है और इस प्रसार से एमीटर व वोल्टमीटर का सूचक घुमाता है जो धारा और विभवांतर के मान को इंगित करता है। तप्त-तंतु एमीटर AC और DC दोनों धाराओं के वर्ग माध्य मूल मान को मापते हैं, और चूंकि ये धारा के उष्मीय प्रभाव पर कार्य करते हैं, इसलिए ये वर्ग माध्य मूल मान अथवा प्रभावी मान (Ieff) का सीधा मान बताते हैं।
(2). सामान्यतः प्रत्यावर्ती परिपथ में विद्युत धारा व विभवान्तर के मान जो दिए जाते हैं वे वर्ग माध्य मूल मान (rms) ही होते हैं। उदाहरण के लिए 220 Volt AC का अर्थ होता Erms = 220 Volt व इसी प्रकार 5 Ampere AC धारा का अर्थ है Irms = 5 Ampere.
(3). यदि विद्युत धारा (अथवा विभवान्तर) कुछ तरंगों का मिश्रण हो, जैसे I = ( a sin ωt + b cos ωt ) तब rms मान, अवयवी तरंगों के rms मानों के वर्गों के योगफल के वर्गमूल के तुल्य होता है, अर्थात
प्रमाण :-
…..(9)
अब यदि Irms प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान हो, तब
…..(10)
समीकरण (9) व (10) से,
…..(11)
उदाहरण 1
यदि एम्पियर है तो t = 2 सेकण्ड से 4 सेकण्ड तक औसत एवं वर्ग माध्य मूल मान की गणना कीजिये।
हल :-
उदाहरण 2
50 हर्टज की प्रत्यावर्ती धारा के लिये शून्य से वर्ग माध्य मूल मान तक धारा परिवर्तन का समय ज्ञात कीजिये।
हल :-
उदाहरण 3
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