प्रतिबाधा त्रिभुज (Impedance Triangle)
प्रतिबाधा त्रिभुज (प्रतिबाधा त्रिभुज (Impedance Triangle):- किसी प्रत्यावर्ती परिपथ में प्रतिरोध (Resistance), प्रेरकत्व (Inductance) और धारिता (Capacitance) के प्रभाव को आलेखीय तरीके से प्रदर्शित करने के लिए बनाई गई त्रिभुज को प्रतिबाधा त्रिभुज कहते हैं। यह त्रिभुज वोल्टता और धारा के मध्य के संबंध को दर्शाने के लिए बनाई जाती है और इसका उपयोग परिपथ की प्रतिबाधा (Impedance) को समझने के लिए किया जाता है।
प्रतिबाधा त्रिभुज के घटक:
- प्रतिरोध (Resistance) (R): परिपथ के प्रतिरोध को प्रतिबाधा त्रिभुज के आधार द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
- कुल प्रतिघात (Total Reactance) (X): परिपथ के कुल प्रतिघात को त्रिभुज के लंब द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। त्रिभुज के लंब की लम्बाई प्रेरणिक प्रतिघात (Inductive Reactance, XL) और धारितीय प्रतिघात (Capacitive Reactance, XC) के अंतर के बराबर होती है।
- प्रतिबाधा (Impedance) (Z): परिपथ की प्रतिबाधा को त्रिभुज के कर्ण द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। त्रिभुज के कर्ण की लम्बाई पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग कर R वX से ज्ञात की जाती है।
प्रतिबाधा की गणना:
पाइथागोरस प्रमेय से,
प्रतिबाधा त्रिभुज का उपयोग प्रत्यावर्ती परिपथ में वोल्टता और धारा के मध्य के कला कोण (Phase Angle) को समझने और पूरे परिपथ की प्रतिबाधा की गणना में सहायक होता है।
परिणामी वोल्टता व धारा के मध्य कला कोण (Φ) :
नोट :-
(1). प्रतिघात X (reactance) के व्युत्क्रम को अधिकल्पित प्रवेश्यता S (susceptance) कहते हैं।
प्रेरणिक अधिकल्पित प्रवेश्यता (inductive susceptance) (SL) :
धारितीय अधिकल्पित प्रवेश्यता (capacitive susceptance) (SC) :
(2). प्रतिबाधा Z (impedance) के व्युत्क्रम को प्रवेश्यता Y (admittance) कहते हैं।
(3). अधिकल्पित प्रवेश्यता S व प्रवेश्यता Y, दोनों के S.I. मात्रक mho अथवा ohm-1 (Ω-1) अथवा Siemen हैं।