परावर्तन के नियम
परावर्तन के नियम :- सभी सतहें (पूर्णतः चिकनी या खुरदरी) जो प्रकाश को परावर्तित कर सकती हैं, परावर्तन के निम्नलिखित दो नियमों का पालन करती हैं :-
(i) प्रथम नियम:- आपतन कोण (i) व परावर्तन कोण (r) बराबर होते हैं, अर्थात्
∠i = ∠r
(ii) द्वितीय नियम :- आपतित किरण, परावर्तित किरण और अभिलंब (आपतन बिंदु पर) सभी एक ही तल में होते हैं। इस तल को आपतन तल (plane of incidence) (या परावर्तन तल) कहा जाता है। इस स्थिति को गणितीय रूप से इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है :-
यहाँ , and क्रमशः आपतित किरण, अभिलम्ब और परावर्तित किरण के अनुदिश, किसी भी परिमाण के सदिश हैं।
नोट :-
- आपतन कोण और परावर्तन कोण क्रमशः आपतित किरण और परावर्तित किरण द्वारा अभिलंब के साथ बनाए गए कोण हैं।
- परावर्तन के नियम किसी भी प्रकार की परावर्तक सतह के लिए मान्य हैं, चाहे उनका आकार, आकार और प्रकृति कुछ भी हो।
- यदि आपतन कोण 0° है, तो परावर्तन कोण भी 0° होगा। दूसरे शब्दों में यदि कोई प्रकाश किरण परावर्तक सतह पर लम्बवत आपतित होती है, तो परावर्तन के पश्चात वह अपने पथ का विपरीत दिशा में अनुसरण करेगी।
आंकिक प्रश्न समाधान युक्ति :-
यदि कोई प्रकाश किरण सदिश के अनुदिश आपतित होती है और अभिलम्ब y- अक्ष के अनुदिश है(अर्थात् के अनुदिश) तब परावर्तित किरण के अनुदिश सदिश होगा और परावर्तित किरण के अनुदिश एकांक सदिश होगा।
व्याख्या :-
उपरोक्त अवधारणा को हम एक गेंद – दीवार संघट्ट (टक्कर) द्वारा समझ सकते हैं। मान लीजिए कि रैखिक संवेग() की एक गेंद, एक दीवार से प्रत्यास्थ टक्कर करती है। माना कि दीवार पर अभिलंब x-अक्ष के अनुदिश है।
उपरोक्त चित्र से यह स्पष्ट है कि टक्कर के पश्चात, गेंद के रेखीय संवेग का केवल वह घटक परिवर्तित होता है जो अभिलम्ब के अनुदिश है । इसी प्रकार यदि आपतित प्रकाश किरण किसी सदिश [उदाहरण के लिए ], द्वारा प्रदर्शित की जाए, तब परावर्तन के पश्चात, परावर्तक सतह पर बने अभिलंब के अनुदिश घटक में परिवर्तन होता है।
सदिश निरूपण में :-
यहाँ
सदिश निरूपण की व्याख्या :-
उदाहरण 1.
प्रकाश की एक किरण सदिश के अनुदिश एक समतल दर्पण पर आपतित होती है। आपतन बिंदु पर अभिलम्ब के अनुदिश है। परावर्तित किरण के अनुदिश एकांक सदिश ज्ञात करो।
हल :-
अंत में,
दूसरा तरीका (शॉर्ट कट) :-
गेंद टक्कर सादृश्य का उपयोग करते हुए, अभिलंब के अनुदिश आपतित किरण का घटक दिशा में विपरीत हो जाता है, जबकि अन्य घटक अपरिवर्तित रहता है। अत: परावर्तित किरण के अनुदिश सदिश :-
और परावर्तित किरण के अनुदिश एकांक सदिश :-
उदाहरण 2.
एक दीवार पर एक दर्पण 7/3 मीटर लंबा है। दर्तपण का निचला सिरा फर्श से 0.50 मीटर ऊपर है। एक विदुत बल्ब छत पर दीवार से 4.00 मीटर और फर्श से 35/6 मीटर ऊपर लटका हुआ है। फर्श पर परावर्तित प्रकाश की रेखा कितनी लंबी होगी ?
हल :-
प्रकाश बल्ब को एक बिंदु स्रोत मानते हुए, दर्पण से परावर्तित होने वाली प्रकाश किरणों का चित्र यहां दिया गया है :-
यहां हमें केवल दो प्रकाश किरणों की आवश्यकता है जो दर्पण के किनारों से टकराती हैं, क्योंकि अन्य सभी परावर्तित किरणें इन दोनों के मध्य स्थित होंगी।
अब
और
उन बिंदुओं की दूरियां जहां किरणें फर्श से टकराती हैं:-
इस प्रकार प्रकाश रेखा की लंबाई होती है, l1 – l2 = (3.78-0.375) = 3.405 m