धारिता
धारिता :- किसी चालक द्वारा आवेश को संचित करने की क्षमता धारिता कहलाती है।
किसी चालक का विभव उसे दिए गए आवेश के समानुपाती होता है अर्थात
V ∝ Q
अथवा
Q ∝ V
⇒ Q = CV
यहाँ C एक समानुपातिक नियतांक है जिसे चालक की धारिता कहते हैं।
C = Q/V …..(1)
अतः किसी चालक की धारिता उसे दिए गए आवेश और उत्पन्न विभवांतर के अनुपात के बराबर होती है।
आवेश व विभवांतर के मध्य आलेख की ढाल चालक की धारिता के बराबर होती है अतः
धारिता के मात्रक
(i) धारिता के S.I. मात्रक फैरड हैं।
कूलाम/वोल्ट = फैरड (Farad)
समीकरण (1) में यदि Q = 1 कूलाम व V = 1 वोल्ट हो तब , अतः
एक चालक की धारिता 1 फैरड होगी यदि 1 कूलाम आवेश देने पर चालक का विभवांतर 1 वोल्ट हो जाए।
(ii) धारिता के C.G.S. मात्रक stat farad हैं।
धारिता के अन्य छोटे मात्रक :-
धारिता की विमा
C = Q/V = Q/(W/Q) = Q2/W
⇒[C] = [A2T2] / [M1L2T-2] = [M–1 L–2 T4 A2]
नोट :- किसी चालक की धारिता उसे दिए गए आवेश तथा विभव दोनों पर ही निर्भर नहीं करती और ना ही चालक के पदार्थ पर निर्भर करती है। यह केवल चालक के ज्यामितीय आकार (आकार, आकृति,पृथक्कन) तथा माध्यम पर निर्भर करती है।