चुम्बक | चुम्बकत्व
पिछले लेख चुंबकत्व एवं द्रव्य में हमने चुम्बक की खोज के बारे में पढ़ा। इस लेख में हम चुम्बक के गुणों के बारे में पढेंगे।
चुम्बक के आधारभूत गुण
- जब एक छड चुम्बक को इसके द्रव्यमान केंद्र पर धागा बांध कर स्वतंत्रतापूर्वक लटकाया जाता है या शांत पानी पर तैराया जाता है तब इसके दो सिरे, जो ध्रुव कहलाते है, उत्तर दक्षिण दिशा में आकर ठहरते हैं। वह सिरा जो भौगोलिक उत्तर की ओर संकेत करता है, उत्तरी ध्रुव और जो भौगोलिक दक्षिण की ओर संकेत करता है, चुंबक का दक्षिणी ध्रुव कहलाता है।
2. चुम्बक के सजातीय ध्रुवों में परस्पर प्रतिकर्षण व विजातीय ध्रुवों में परस्पर आकर्षण होता है।
3. चुम्बक के उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव, ज्यामितीय सिरों से कुछ अन्दर होते है। चुम्बक की चुम्बकीय लम्बाई (2l), ज्यामितीय लम्बाई (AB) की 5/6 गुना होती है ।
4. चुम्बकीय ध्रुवों की शक्ति समान होती है।
5. किसी छड चुंबक के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों को अलग-अलग नहीं किया जा सकता। यदि किसी छड़ चुंबक को दो भागों में विभाजित किया जाए तो हमें दो छोटे अलग-अलग छड़ चुंबक प्राप्त होंगे, जिनका चुंबकत्व मुख्य छड चुम्बक की तुलना में क्षीण होगा। अतः वैद्युत आवेशों की भांति, विलगित चुंबकीय ध्रुवों (चुंबकीय एकध्रुव) का अस्तित्व नहीं है ।
6. चुम्बकीय पदार्थ जैसे लोहा, निकल, कोबाल्ट इत्यादि चुम्बकों द्वारा आकर्षित होते हैं। यह आकर्षण बल ध्रुवों पर अधिकतम होता है।
7. दो चुम्बकीय ध्रुवों के बीच आकर्षण बल या प्रतिकर्षण बल ध्रुवों सामर्थ्यों (m1,m2) के गुणनफल के सीधे समानुपाती होता है व उनके केन्द्रों के बीच दूरी (r) के वर्ग के व्यत्क्रमानुपाती होता है।
…..(1)
जहाँ μ0 निर्वात की चुम्बकशीलता है।
CGS प्रणाली में, व
SI प्रणाली में,
ध्रुव सामर्थ्य की परिभाषा व SI मात्रक :-
माना m1 = m2 = m, r = 1 meter और F = 10-7 N
समीकरण (1) से,
अब क्यूंकि (F = qvBsinθ से)
अतः
अथवा
m = ±1 ampere-meter (Am)
अतः
यदि दो एक समान चुम्बकीय ध्रुव निर्वात में(अथवा वायु में) 1m की दूरी पर रखने पर एक दूसर को 10-7 N बल से प्रतिकर्षित करें तब उनकी ध्रुव सामर्थ्य 1 ampere-meter होगी।