चुम्बकीय पारगम्यता तथा चुम्बकीय प्रवृत्ति में संबंध
चुम्बकीय पारगम्यता तथा चुम्बकीय प्रवृत्ति में संबंध :- जब किसी धारावाही परिनालिका में कोई चुम्बकीय पदार्थ रखा जाता है तब परिनालिका की क्रोड में कुल चुम्बकीय क्षेत्र :-
…..(1)
यहाँ
B0 = परिनालिका में प्रवाहित धारा (मुक्त धारा free current) के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
Bm = पदार्थ के चुम्बकन से उत्पन्न बद्ध धाराओं (bound currents) के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
अब
…..(2)
…..(3)
समीकरण (1) से,
…..(4)
पदार्थ की चुंबकीय प्रवृत्ति,
समीकरण (4) से,
किन्तु , अतः
…..(5)
उपरोक्त समीकरण (5) ही चुम्बकीय पारगम्यता तथा चुम्बकीय प्रवृत्ति में वांछित संबंध है।
उदाहरण 1.
एक लौहचुम्बकीय पदार्थ की छड़ के आयाम 10 cm × 0.5 cm × 0.2 cm हैं। इसे 0.5 × 104 A m−1 के चुम्बकन क्षेत्र में रखने पर इसमें 5 Am2 का चुम्बकीय आघूर्ण उत्पन्न होता है तो चुंबकीय प्रेरण का मान होगा :-
(A) 0.54 T
(B) 0.358 T
(C) 6.28 T
(D) 2.519 T
हल :-
M = 5 A m2
V = 10 cm × 0.5 cm × 0.2 cm = 10-6 m3
H = 0.5 × 104 A m−1
उदाहरण 2.
30 cm3 आयतन का एक चुंबकीय पदार्थ 5 ओरस्टेड के चुंबकीय क्षेत्र में रखा गया है। यदि पदार्थ में उत्पन्न चुम्बकीय आघूर्ण 6 A-m2 हो तो चुंबकीय प्रेरण की गणना करें।
हल :-
उदाहरण 3.
1 cm2 अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल की एक लौहचुम्बकीय पदार्थ की छड़ को 200 ओरस्टेड के चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर 3000 G का चुंबकीय फ्लक्स घनत्व उत्पन्न होता है। छड़ की चुम्बकशीलता और चुंबकीय प्रवृत्ति के मान की गणना करें।
हल :-
अब
उदाहरण 4.
2 × 103 Am-1 का चुम्बकन क्षेत्र एक लोहे की छड़ में 8π T का चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। छड़ की सापेक्षिक चुंबकीय पारगम्यता ज्ञात करो।
हल :-
उदाहरण 5.
लोहे के एक नमूने की चुम्बकीय पारगम्यता μ एवं चुम्बकन क्षेत्र H के मध्य निम्न संबंध है :-
यहाँ H के मात्रक A-m है। H का वह मान ज्ञात करो जो 1.0 वेबर /मीटर2 का चुंबकीय प्रेरण उत्पन्न करे।
हल :-
उदाहरण 6.
6 × 104 Am-1 के चुम्बकन क्षेत्र में रखे एक अनुचुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति 3.14 × 10-4 है। ज्ञात कीजिए :- (a) चुम्बकन तीव्रता (b) सापेक्षिक चुंबकीय पारगम्यता।
हल :-
(a) चुम्बकन तीव्रता
(b) सापेक्षिक चुंबकीय पारगम्यता
उदाहरण 7.
किसी चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति 30 × 10-4 है। इस पदार्थ की निरपेक्ष व सापेक्षिक चुंबकीय पारगम्यता ज्ञात करो।
हल :-
निरपेक्ष चुंबकीय पारगम्यता,
सापेक्षिक चुंबकीय पारगम्यता,
उदाहरण 8.
एक 0.5 m लम्बी और 2 mm2 अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल की लोहे की छड़ को एक परिनालिका के अक्ष में रखा गया है। यदि परिनालिका में उत्पन्न चुम्बकन क्षेत्र(H) 5000 Am-1 हो और लोहे की पारगम्यता 16π × 10-5 WbA-1m-1 हो, तब छड़ के चुम्बकीय आघूर्ण का मान ज्ञात करो।
हल :-
दिया है
अब
उदाहरण 9.
एक परिनालिका की क्रोड़ में आपेक्षिक चुम्बकशीलता 400 का एक पदार्थ भरा गया है। परिनालिका के फेरे क्रोड़ से विद्युत रुद्ध हैं और इसमें 2 A की विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। यदि एकांक लम्बाई पर फेरों की संख्या 1000 हो तब ज्ञात करो :-
(a) H
(b) B
(c) चुम्बकन तीव्रता I और
(d) चुम्बकन धारा (magnetizing current)
हल :-
दिया है :-
(a)
(b)
(c)
(d) चुम्बकन धारा (magnetizing current) या चुम्बककारी धारा (im) वह अतिरिक्त विद्युत धारा है जो क्रोड़ की अनुपस्थिति में परिनालिका के फेरों में प्रवाहित करने पर, उतना ही चुम्बकीय क्षेत्र B उत्पन्न हो जितना जितना क्रोड़ की उपस्थिति में उत्पन्न होता है, अतः
उदाहरण 10.
चुम्बकीय पदार्थ की एक छड़ को जिसका अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल 0.25 cm2 है, 4000 Am-1 के चुम्बकन क्षेत्र में रखा गया है। छड़ से पारित चुम्बकीय फ्लक्स का मान 25 × 10-6 वेबर है। छड़ के लिए निम्न राशियाँ ज्ञात करो :-
(a) चुम्बकीय पारगम्यता
(b) चुम्बकीय प्रवृत्ति और
(c) चुम्बकन तीव्रता I
हल :-
दिया है :-
(a)
(b)
(c)