चुंबकत्व एवं द्रव्य
चुंबकत्व एवं द्रव्य :- यूनान(ग्रीक) देश में एक द्वीप है जिसका नाम मैग्नेशिया[अब यह स्थान पश्चिमी टर्की का भाग है और अब इसका नाम मनीसा(Manisa)) है] है, यहाँ 600 ईसा पूर्व चुंबकीय अयस्कों के भंडार मिले थे। इस द्वीप पर गडरिये जब भेड़ चराने जाया करते थे तो उन्होंने पाया के उन के हाथ में लोहे की टोपी चढ़ी उनकी लाठी व उनके लकड़ी के जूते (जिनमें लोहे की कीलें लगी हुई थीं) वहां स्थित चट्टनों से चिपक जाते थे। ‘चुंबक’ शब्द यूनान के इस द्वीप मैग्नेशिया के नाम से ही व्युत्पन्न हुआ है ।
इन चट्टानों पर मिलने वाले इस अयस्क का नाम मैग्नेटाइट(Magnetite) रखा गया जिसका रासायनिक सूत्र Fe3O4 है। मैग्नेटाइट को प्राकृतिक चुंबक कहते हैं। मैग्नेटाइट में लोहे, निकल, कोबाल्ट इत्यादि को अपनी और आकर्षित करने का गुण है जिसे चुंबकत्व(Magnetism) कहते हैं।
चुंबकों के दैशिक गुण की खोज का श्रेय चीनवासियों(chinese) को जाता है। उन्होंने यह पाया कि जब प्राकृतिक चुंबक को स्वतंत्रता पूर्वक क्षेतिज तल में रखा जाए(गुरुत्व केंद्र पर धागे से बांध कर अथवा एक कॉर्क के ऊपर रख कर उसको ठहरे हुए पानी में तैराया जाए) तब यह सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में ही ठहरती है। दैशिक गुण के कारण मैग्नेटाइट को लोडस्टोन(lodestone) (अर्थात अग्रग पत्थर, Leading Stone) कहा जाने लगा, जिसका अर्थ है लीडिंग स्टोन अर्थात मार्गदर्शक पत्थर ।
प्राकृतिक चुंबक का रूप व आकार अनिश्चित होता है, इस कारण इसे प्रायोगिक तथा वैज्ञानिक कार्यों के लिए प्रयुक्त करना उपयुक्त नहीं है। साथ ही प्राकृतिक चुंबक का चुंबकत्व भी बहुत शीण होता है। इस कारण लोहे, इस्पात व निकिल से निर्मित कृत्रिम चुंबक(मानव निर्मित चुंबक) बनाए जाते हैं जिनका चुंबकत्व बहुत प्रबल होता है। कृत्रिम चुंबक दो प्रकार के होते हैं :-
- स्थाई चुम्बक (Permanent Magnet) :- स्थाई चुंबक कठोर स्टील अथवा मिश्र धातुओं जैसे अल्निको(Al+NI+Co), कोबाल्ट, स्टील, टंगस्टन आदि से बनाए जाते हैं जो आसानी से विचुंबकित(demagnetized) नहीं होते। स्थाई चुंबक का मुख्य दोष यह है कि इनके चुंबकत्व को नियंत्रित नहीं किया जा सकता अर्थात इसके ध्रुवों को परिवर्तित नहीं किया जा सकता व इसकी क्षमता को भी कम-ज्यादा नहीं किया जा सकता।
- अस्थाई चुंबक (Temporary Magnet) :- यह नर्म लोहे अथवा स्टील से बनाए जाते हैं। इनके चुंबकत्व को नियंत्रित किया जा सकता है। जब तक चुंबककारी बल(magnetizing force) उपस्थित होता है, ये चुंबकित रहते हैं और चुंबककारी बल हटाते ही ये विचुंबकित(demagnetized) हो जाते हैं। इनकी ध्रुवता व प्रबलता को भी परिवर्तित किया जा सकता है।