चालकों के मध्य आवेश विनिमय
चालकों के मध्य आवेश विनिमय :- जब दो भिन्न-भिन्न चालकों को एक चालक तार द्वारा आपस में जोड़ा जाता है, तो उनके मध्य विद्युत आवेश का प्रवाह तब तक होता है जब तक कि दोनों चालकों का विद्युत विभव समान न हो जाए। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आवेश सदैव उच्च विभव से निम्न विभव की ओर प्रवाहित होता है ताकि विभवांतर न्यूनतम हो सके।
चालकों के मध्य आवेश विनिमय का प्रक्रम :
- यदि दोनों चालक समान हों (समान आकार और आकृति) तो दोनों पर अंतिम आवेश बराबर होगा।
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यदि चालकों के आकार भिन्न-भिन्न हों (अथवा धारिता भिन्न-भिन्न हो), तो उनमें आवेश इस प्रकार विभाजित होता है कि उनके अंतिम विद्युत विभव समान हो जाएं, यहाँ यह आवश्यक नहीं कि उनके अंतिम आवेश भी समान हों।
आइए हम दो गोलीय चालकों पर विचार करें, जिनके त्रिज्याएं क्रमशः R1 और R2 हैं, और जिन पर प्रारंभ में आवेश क्रमशः Q1 और Q2 हैं। इन दोनों गोलकों को इतनी दूरी पर रखा गया है कि वे एक-दूसरे पर कोई विद्युत प्रभाव नहीं डालते। जब इन्हें एक चालक तार द्वारा संयोजित किया जाता है, तो उनके मध्य आवेश का प्रवाह होता है और यह प्रवाह तब तक होता है जब तक दोनों चालकों का विद्युत विभव समान नहीं हो जाता। संयोजन के पश्चात दोनों चालकों पर माना अंतिम आवेश क्रमशः q1 और q2 हैं।
चूँकि संयोजन के पश्चात दोनों चालकों के विद्युत विभव समान हैं, इसलिए :
…..(1)
अतः अंतिम आवेश उनकी त्रिज्या के समानुपाती होंगे।
इसके अतिरिक्त निकाय का कुल आवेश संरक्षित रहता है, इसलिए :
…..(2)
समीकरण (1) और (2) से,
…..(3)
…..(4)
अंतिम आवेशों का अनुपात :
…..(5)
अंतिम पृष्ठीय आवेश घनत्वों का अनुपात :
समीकरण (5) का प्रयोग करने पर,
…..(6)
चालकों के मध्य आवेश विनिमय के परिणाम स्वरुप ऊर्जा हानि
आवेश विनिमय के समय, उच्च विभव वाले चालक से निम्न विभव वाले चालक की ओर तार के माध्यम से विद्युत धारा प्रवाहित होती है और इस प्रक्रिया में कुछ ऊर्जा ऊष्मा के रूप में नष्ट हो जाती है। यह नष्ट हुई ऊर्जा, विद्युत स्थैतिक स्थितिज ऊर्जा में हुई कमी के बराबर होती है। अतः तार में ऊर्जा हानि (E) होगी :
चूंकि गोले एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी पर स्थित हैं, अतः उनके मध्य अन्योन्य स्थितिज ऊर्जा की उपेक्षा की गई है।
उदाहरण 1.
Q आवेश व R त्रिज्या के एक विलगित चालक गोले को एक दूसरे समरूप निरावेशित गोले से (यह दोनों अधिक दूरी पर रखे है) उच्च प्रतिरोध वाले तार द्वारा जोड़ा जाता है। लम्बे समयान्तराल बाद ऊष्मीय हानि क्या होगी ?
हल :
जब समान त्रिज्या के दो चालक गोलों को जोड़ा जाता है तो उनमे आवेश बराबर वितरित होता है। अतः निकाय की ऊष्मीय हानि :