घन का भिन्न-भिन्न स्थितियों में तुल्य प्रतिरोध
घन का भिन्न-भिन्न स्थितियों में तुल्य प्रतिरोध :- एक घन जिसकी भुजाएँ प्रतिरोधों से बनी हों, निम्न बिन्दुओं के मध्य घन का समतुल्य प्रतिरोध ज्ञात किया जा सकता है :-
- घन के विकर्ण के सिरों के मध्य
- घन के फलक के विकर्ण के सिरों के मध्य
- दो आसन्न शीर्षों के मध्य
घन के विकर्ण के सिरों के मध्य तुल्य प्रतिरोध
(घन का भिन्न-भिन्न स्थितियों में तुल्य प्रतिरोध)
आइए एक घन पर विचार करें जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है :-
घन के विकर्ण के सिरों(AG) के मध्य तुल्य प्रतिरोध = 5R/6 है। इसे सिद्ध करने के लिए आइए उपरोक्त चित्र का समतुल्य निरूपण करें :-
शीर्ष B,D,E समान विभव पर हैं और इसी प्रकार सममितता के कारण शीर्ष C,F,H भी समान विभव पर हैं, अतः परिपथ को और हल करने पर :-
अंततः घन के विकर्ण के अनुदिश दो शीर्षों (AG) के बीच समतुल्य प्रतिरोध = 5R/6 है।
वैकल्पिक विधि
माना शीर्ष A से परिपथ में i विद्युत धारा प्रवाहित होती है। अब सममितता से हम धारा i को विभिन्न शाखाओं में निम्न प्रकार विभाजित कर सकते हैं :-
अब शीर्ष A व G के मध्य विभवान्तर, अर्थात VAG , ज्ञात करने के लिए आइए पथ A – B – C – G का अनुसरण करें और विभव पतन लिखें,
⇒ Req = 5R/6
घन के फलक के विकर्ण के सिरों के मध्य तुल्य प्रतिरोध
(घन का भिन्न-भिन्न स्थितियों में तुल्य प्रतिरोध)
आइए निम्न घन पर विचार करें :-
घन के फलक के शीर्षों (AC) के मध्य समतुल्य प्रतिरोध = 3R/4 है। इसे सिद्ध करने के लिए आइए उपरोक्त चित्र का समतुल्य निरूपण करें :-
ध्यान दें कि परिपथ B – F – H – D के सापेक्ष सममित है जैसा कि लाल बिंदीदार रेखा द्वारा दर्शाया गया है, इसका मतलब है कि ये सभी शीर्ष एक ही विभव पर हैं। इससे हमें परिपथ को और अधिक सरल बनाने में सहायता मिलती है जैसा कि नीचे चित्र दिखाया गया है :-
और अधिक सरलीकरण करने पर :-
अंततः फलक के विकर्ण के अनुदिश दो शीर्षों (AC) के मध्य समतुल्य प्रतिरोध = 3R/4
दो आसन्न शीर्षों के मध्य तुल्य प्रतिरोध
(घन का भिन्न-भिन्न स्थितियों में तुल्य प्रतिरोध)
निम्न घन पर विचार करें :-
दो आसन्न शीर्षों (AB) के मध्य समतुल्य प्रतिरोध = 7R/12 है। इसे सिद्ध करने के लिए आइए उपरोक्त चित्र का समतुल्य निरूपण करें :-
लाल बिंदीदार रेखा क्षैतिज समरूपता (horizontal symmetry) को इंगित करती है। उपरोक्त परिपथ को और सरल बनाने पर, हमें प्राप्त होता है :-
उपरोक्त परिपथ को और अधिक सरल बनाने पर :-
अंततः दो आसन्न शीर्षों (AB) के मध्य समतुल्य प्रतिरोध = 7R/12