वृत्तीय गति-कोणीय विस्थापन
कोणीय विस्थापन :- किसी पथ पर गतिमान कण के स्थिति सदिश द्वारा किसी स्थिर बिन्दु के सापेक्ष अंतरित कोण, कोेणीय विस्थापन कहलाता है।
(1) किसी अनिश्चित पथ पर गति करता हुआ कण :-
(2) सरल रेखा पर गति करता हुआ कण :-
(3) वृत्तीय पथ पर गति करता कण :-
- कोणीय विस्थापन एक सदिश राशि है।
- इसकी दिशा घूर्णन तल के लम्बवत् होती है, तथा दायें हाथ के पेंच के नियम से ज्ञात की जाती है।
नोट :- दक्षिणावर्त कोणीय विस्थापन ऋणात्मक तथा वामावर्त कोणीय विस्थापन धनात्मक लिया जाता है।
- वृत्तीय गति के लिए ΔS = r × Δθ
क्यूंकि कोण = चाप / त्रिज्या = रेखीय विस्थपन / त्रिज्या
- इसका मात्राक रेडियन है।
- यदि आंकिक प्रश्नो में कोण अंशो में दिया हो, तो इसे रेडियन में बदलो। (π rad = 180º)
- यह एक विमाहीन राशि है अर्थात् [M0 L0 T0]
उदा.1 एक कण 2 cm त्रिज्या के पथ पर 1.5 चक्कर पूरा करता है। कण का कोणीय विस्थापन रेडियन में ज्ञात कीजिये ।
हल :- हम जानते हैं, कोणीय विस्थापन =रेखीय विस्थपन / त्रिज्या
⇒ Δθ = ΔS/r , ΔS = चक्करों की संख्या × (2πr) = n× (2πr) = 1.5 × (2π × 2 ×10-2)
⇒ ΔS = 6π ×10-2
∴ Δθ = (6π ×10-2)/( 2 ×10-2) = 3π रेडियन
Sir isaka questions kha malanga
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