कुल वैद्युत स्थितिज ऊर्जा
कुल वैद्युत स्थितिज ऊर्जा :- किसी निकाय की कुल वैद्युत स्थितिज ऊर्जा, उसमें उपस्थित प्रत्येक आवेशित चालक की स्व-ऊर्जा (Self-Energy) और विभिन्न आवेशों या चालकों के मध्य की अन्योन्य स्थितिज ऊर्जा (Electrostatic Interaction Energy) का योग होती है।
कुल वैद्युत स्थितिज ऊर्जा (U) = सभी स्व-ऊर्जाओं का योग (Uself) + सभी अन्योन्य स्थितिज ऊर्जाओं का योग (Uinteraction)
आइये कुछ उदाहरणों पर विचार करें :
(1). दो आवेशित चालक गोले
आइए दो गोलाकार चालकों पर विचार करें, जिनके त्रिज्याएँ क्रमशः R1 और R2 हैं तथा जिन पर क्रमशः Q1 और Q2 आवेश हैं। इनके केंद्रों के मध्य की दूरी r है।
U = Uस्व-ऊर्जा + Uअन्योन्य स्थितिज ऊर्जा
(2). दो आवेशित कुचालक गोले
अब आइए दो कुचालक गोलों पर विचार करें, जिनके त्रिज्याएँ क्रमशः R1 और R2 हैं तथा जिन पर क्रमशः Q1 और Q2 आवेश हैं। इनके केंद्रों के मध्य की दूरी r है।
U = Uस्व-ऊर्जा + Uअन्योन्य स्थितिज ऊर्जा
(3). दो आवेशित संकेन्द्रित कोशों का एक निकाय
त्रिज्या R1 और R2 वाले दो संकेन्द्रीय गोलाकार कोशों के एक निकाय पर विचार करें, जिन पर क्रमशः Q1 और Q2 आवेश हैं।
U = Uआन्तरिक कोष की स्व-ऊर्जा + Uबाह्य कोष की स्व-ऊर्जा + Uअन्योन्य स्थितिज ऊर्जा