अल्फा बीटा और गामा के बीच संबंध
हम तापीय प्रसार में अल्फा बीटा और गामा के बारे में पढ़ चुके हैं, आज इस लेख में हम इन तीनो प्रसार गुणांकों(α,β व γ) के मध्य सम्बन्ध पर चर्चा करेंगे।
समांगी ठोस के लिए अल्फा बीटा और गामा के बीच संबंध
मान लीजिए के किसी पदार्थ का, भुजा L का एक घन है जिसका : –
- रेखीये प्रसार गुणांक (α)
- क्षेत्रफल प्रसार गुणांक (β) और
- आयतन प्रसार गुणांक (γ)
है।
माना घन को तापमान की एक अल्प परास ΔT से गर्म किया जाता है, जिसके कारण इसके आयाम बदल जाते हैं।
भुजा की नई लम्बाई L = L0 (1 + αΔT ) ……….(1)
फलक का नया क्षेत्रफल A = A0 (1 + βΔT ) ……….(2)
घन का नया आयतन V = V0 (1 + γΔT ) ……….(3)
अब,
फलक का नया क्षेत्रफल इस प्रकार लिखा जा सकता है :-
A0+ΔA = (L)2 = (L0 + ΔL)2
A0+βA0ΔT = (L0 + αL0ΔT)2
A0 (1 + βΔT) = (L0)2(1 + αΔT)2
A0 (1 + βΔT) = (L0)2(1 + αΔT)2
क्यूंकि A0 = (L0)2
⇒ 1 + βΔT = (1 + αΔT)2
⇒ 1 + βΔT = 1 + α2 ΔT2 + 2αΔT
⇒ βΔT = α2 ΔT2 + 2αΔT
α की कोटी 10-5 होती है, अतः α की बड़ी घातों को नगण्य माना जा सकता है, अर्थात,
α2 ΔT2 ≈ 0
ऐसा करने से हमें प्राप्त होता है :-
βΔT = 2αΔT
βΔT = 2αΔT
⇒ β = 2α or α = β/2 ……….(4)
इसी प्रकार घन का नया आयतन लिखा जा सकता है:-
V0 + ΔV = (L)3 = (L0 + ΔL)3
V0 + γV0ΔT = (L0 + αL0ΔT)3
V0(1 + γΔT) = (L0)3(1 + αΔT)3
because V0 = (L0)3
V0(1 + γΔT) = (L0)3(1 + αΔT)3
1 + γΔT = (1 + αΔT)3
1 + γΔT = 1 + α3ΔT3 +3αΔT + 3α2 ΔT2
पुनः α की बड़ी घातों को नगण्य मानने पर, अर्थात
α3ΔT3 ≈ 0 व 3α2 ΔT2 ≈ 0 , हमें प्राप्त होता है :-
1 + γΔT = 1 + 3αΔT
⇒ γΔT = 3αΔT
⇒ γ = 3α or α = γ/3 ……….(5)
समीकरण (4) व (5) से,
α = β/2 = γ/3
अथवा
6α = 3β = 2γ
उपरोक्त सम्बन्ध ही α , β व γ में वांछित सम्बन्ध है।
साथ ही α : β : γ = 1 : 2 : 3
असमांगी ठोस के लिए अल्फा बीटा और गामा के बीच संबंध
असमांगी ठोस के लिए
β = α1 + α2 और γ = α1 + α2 + α3
यहाँ α1 , α2 and α3 X, Y और Z दिशा में रेखीय प्रसार गुणांक हैं।
उपरोक्त लेख का वीडियो लेक्चर :-
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