अनुनादी परिपथ | अनुनादी परिपथ क्या है ?
अनुनादी परिपथ | अनुनादी परिपथ क्या है ? : जब परिपथ की प्राकृतिक आवृत्ति, आरोपित वोल्टता की आवृत्ति के बराबर हो तो ऐसा परिपथ अनुनादी परिपथ कहलाता है। अनुनाद के लिए परिपथ में प्रेरक L तथा संधारित्र C दोनों अवश्य ही उपस्थित होने चाहिए। अनुनाद की अवस्था में प्रेरकीय प्रतिघात (XL) व धारितीय प्रतिघात (XC) परिमाण में बराबर होते हैं जिससे परिपथ की प्रतिबाधा न्यूनतम (श्रेणीक्रम अनुनाद) अथवा अधिकतम (समान्तर क्रम अनुनाद) हो जाती है।
अनुनाद दो प्रकार का होता है :-
(1) श्रेणीक्रम अनुनाद (Series Resonance)
(2) समान्तर क्रम अनुनाद (Parallel Resonance)