समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय द्विध्रुव के दोलन
समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय द्विध्रुव के दोलन :- माना एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र (B) में एक चुम्बकीय द्विध्रुव (दण्ड चुम्बक) स्थित है जिसे स्थाई साम्यावस्था (M व B एक ही दिशा में) की स्थिती से θ कोण विस्थापित कर छोड़ा गया है। इस स्थिती में दण्ड चुम्बक पर एक प्रत्यानयन बलाघूर्ण (Restoring torque) कार्य करता है :
τ = MB sinθ …..(1)
जहाँ M दण्ड चुम्बक का चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण है।
इस प्रत्यानयन बलाघूर्ण के कारण दण्ड चुम्बक, स्थाई साम्यावस्था की स्थिती के सापेक्ष, कोणीय सरल आवर्त गति (Angular simple harmonic motion) प्रारम्भ करता है। यदि दण्ड चुम्बक का जड़त्व आघूर्ण I हो तब जड़त्व के कारण दण्ड चुम्बक का विस्थापनकारी बल आघूर्ण :
…..(2)
साम्यावस्था की स्थिती में, समीकरण (1) व (2) से,
यहाँ ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है कि प्रत्यानयन बलाघूर्ण की दिशा, विस्थापनकारी बल आघूर्ण के विपरीत है।
अब हम जानते हैं की अल्प कोणीय विस्थापन के लिए, sinθ ≅ θ , अतः
…..(3)
यहाँ रखने पर,
…..(4)
समीकरण (4) कोणीय सरल आवर्त गति की समीकरण है।
दण्ड चुम्बक के दोलनों की कोणीय आवृत्ति (ω),
…..(5)
दोलनों का आवर्तकाल (T),
…..(6)
समीकरण (6) से चुम्बकीय क्षेत्र का मान,
…..(7)