उत्प्लावन बल पर तापमान का प्रभाव
उत्प्लावन बल पर तापमान का प्रभाव :- हम जानते हैं कि जब भी किसी ठोस वस्तु को किसी द्रव में आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से डुबोया जाता है, तो हवा में उसके वजन की तुलना में द्रव में इसका वजन कम प्रतीत होता है।
इसका कारण द्रव द्वारा वस्तु पर ऊर्ध्वाधर ऊपर की दिशा (भार के विपरीत दिशा में) में लगाया जाने वाला बल है, जिसे उत्प्लावन बल कहते हैं। उत्प्लावन बल :-
F = Vs ρL g ……….(1)
जहाँ
Vs = ठोस वस्तु का आयतन (द्रव में डूबा हुआ आयतन )
ρL = द्रव का घनत्व &
g = गुरुत्वीय त्वरण।
ठोस वस्तु का आभासी भार(वह भार जब वस्तु को द्रव में डुबोया जाता है), Wapp निम्न समीकरण द्वारा दिया जाता है :-
Wapp = W – F ……….(2)
जहाँ W वस्तु का वायु में भार है।
अब जैसे-जैसे तापमान बढ़ाया जाता है, Vs बढ़ता है ( आयतन प्रसार ) और ρL घटता है ( तापमान के साथ घनत्व में परिवर्तन )।
अतः उत्प्लावन बल F , बढ़ भी सकता है , घट भी सकता है और अपरिवर्तित भी रह सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सा घटक अधिक प्रभावी है [समीकरण (1) से ]।
आइये एक-एक करके इन सब घटकों पर विचार करते हैं, समीकरण (1) से :-
……….(3)
माना तापमान में ΔT की वृद्धि होती है, तब उत्प्लावन बल का नया मान F’
……….(4)
समीकरण (4) को समीकरण (3) से भाग करने पर :-
……….(5)
अब यदि [समीकरण (5) व (2) से]
(a) γS > γL , then F’ > F ⇒ W’app < Wapp
(b) γS < γL , then F’ < F ⇒ W’app > Wapp and if
(c) γS = γL , then F’ = F ⇒ W’app = Wapp
उपरोक्त लेख का विडियो लेक्चर :-
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