कोणीय वेग
वृत्ताकार पथ में गतिशील किसी कण या वस्तु के कोणीय विस्थापन में परिवर्तन की दर को कोणीय वेग कहते है।
- यह एक सदिश राशि है।
- इसकी दिशा, कोणीय विस्थापन की दिशा के अनुदिश होती है, अर्थात् घूर्णन तल के लम्बवत्। (यदि कण दक्षिणावर्त दिशा में घूम रहा है, तो कोणीय वेग की दिशा घूर्णन तल के लम्बवत् नीचे की ओर तथा यदि कण वामावर्त दिशा में घूम रहा है, तो कोणीय वेग की दिशा ऊपर की ओर होगी।)
- इसका मात्रक रेडियन/सेकण्ड होता हैै।
- इसकी विमा [M0L0T-1] होती हैै।
कोणीय वेग के प्रकार :- कोणीय वेग को दो प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है-
- औसत कोणीय वेग
- तात्क्षणिक कोणीय वेग
(1) औसत कोणीय वेग (ωavg) :- कुल कोणीय विस्थापन व उसे होने में लगे कुल समय के अनुपात को औसत कोणीय वेग (ωavg) कहते हैं।
(2) तात्क्षणिक कोणीय वेग (ωavg) :- किसी विशेष समय t पर कण का कोणीय वेग, तात्क्षणिक कोणीय वेग कहलाता है।
नोट :- तात्क्षणिक कोणीय वेग को सामान्यतया केवल कोणीय वेग भी कहते हैं।
उदाहरण :- वृताकार मार्ग पर गति करता हुआ एक कण परिधि का प्रथम एक तिहाई भाग 2 sec में तथा अगला एक तिहाई भाग 1 sec में तय करता है। कण का औसत कोणीय वेग ज्ञात कीजिये।
हल :- हम जानते है
प्रथम एक तिहाई भाग के लिए कोणीय विस्थापन =
अगले एक तिहाई भाग के लिए कोणीय विस्थापन =
कुल कोणीय विस्थापन
कुल समय = 2+1 = 3 sec