विकिरण दाब | विकिरण दाब का सूत्र क्या है?
विकिरण दाब :- मैक्सवेल के अनुसार जब एक विद्युत चुम्बकीय तरंग गति करती हुई किसी वस्तु द्वारा अवशोषित/परावर्तित की जाती है तो यह वस्तु, तरंग के प्रसार की दिशा में एक बल का अनुभव करेगी। मैक्सवेल के इस विचार की पुष्टि 1903 में निकोल्स(Nichols) और हल(Hull) ने एक ऐंठन तुला(torsion balance) का उपयोग करके विकिरण दबावों को सटीक रूप से मापने के द्वारा की थी।
विकिरण दाब का सूत्र क्या है?
आइंस्टीन के द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता से,
…..(1)
यदि तरंग किसी सतह के लंबवत आपतित होती है और वह पूरी तरह से सतह द्वारा अवशोषित हो जाती है तो समीकरण (1) हमें सतह पर आरोपित रैखिक संवेग बताती है।
यदि पृष्ठ पूर्ण रूप से परावर्तक हो तो तरंग के संवेग में परिवर्तन दुगना हो जाता है, फलस्वरूप सतह को स्थानांतरित संवेग भी दुगना हो जाता है।
न्यूटन के द्वितीय नियम के अनुसार एक सतह पर विद्युत चुम्बकीय तरंग द्वारा लगाया गया बल, रेखीय संवेग के परिवर्तन की दर के बराबर है, अर्थात,
समीकरण से (1),
…..(2)
एक तरंग की तीव्रता निम्न सूत्र द्वारा दी जाती है,
समीकरण (2) से,
अतः विकिरण दाब,
(I/c) ऊर्जा घनत्व u (ऊर्जा प्रति इकाई आयतन) को प्रदर्शित करता है
अतः
यदि सतह पूर्ण रूप से परावर्तक हो तो सतह पर दाब दोगुना हो जाता है, इसलिए हम लिख सकते हैं,
और