धारिता पर परावैद्युत का प्रभाव
धारिता पर परावैद्युत का प्रभाव :- माना संधारित्र की प्लेटों पर आवेश घनत्व क्रमशः +σ तथा -σ है तथा प्लेटों के मध्य दूरी d है। प्लेटों के मध्य संपूर्ण स्थान में εr परावैद्युतांक का एक परावैद्युत पदार्थ भरा गया है।
परावैद्युत पदार्थ बाह्य विद्युत क्षेत्र E0 द्वारा ध्रुवित हो जाता है, जिससे इसके पृष्ठों पर +σp और –σp पृष्ठीय आवेश घनत्व उत्पन्न होते हैं। इसलिए प्लेटों पर कुल पृष्ठीय आवेश घनत्व ±(σ−σp) होगा।
अतः प्लेटों के मध्य परावैद्युत पदार्थ में परिणामी विद्युत क्षेत्र :
अब प्लेटों के मध्य विभवांतर :
अब हम जानते हैं कि प्रेरित आवेश घनत्व σp :
अतः
पुनः प्लेटों के मध्य विभवांतर :
धारिता :
अतः संधारित्र की प्लेटों के मध्य परावैद्युत पदार्थ भरने पर धारिता :
स्पष्ट है कि इस स्थिति में धारिता (Cm), वायु संधारित्र की धारिता (Co) की तुलना में εr गुना बढ़ जाती है।